भोपाल। नीलम पार्क में प्रदर्शन पर बैठे 500 से अधिक कोविड-19 स्वास्थ्य कर्मचारियों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया था. इसके बाद 47 स्वास्थ्यकर्मियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. जिनमें 31 मेल व 16 फीमेल कर्मी शामिल थे. बढ़ते दबाव के बाद आखिर पुलिस ने 16 महिलाकर्मियों को देर रात करीब 12 बजे रिहा कर दिया. कुछ स्वास्थ्यकर्मी अपने परिजनों के साथ घर चले गए. बाकी कर्मियों की रहने की व्यवस्था पुलिस द्वारा की गई. जेल बाहर आते ही महिला स्वास्थ्यकर्मियों ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए.
महिला स्वास्थ्यकर्मियों के आरोप
महिला स्वास्थ्यकर्मियों ने कहा कि उन पर मेल पुलिसकर्मियों लाठी चार्ज किया था. इस दौरान उनसे मारपीट भी की गई. हमें घसीटकर जबरन गाड़ी में बिठाया गया. महिला पुलिसकर्मियों ने गाली-गलौज की. डंडे बरसाए. जिसके चलते कई लोगों को गंभीर चोटें भी आई हैं. स्वास्थ्यकर्मी अरूणा शर्मा ने बताया कि उनके हाथ में लगी है. उनका मोबाइल गायब हो गया. पुलिसकर्मियों ने पीटने की धमकी देकर नेतागिरी का भूत उतारने जैसी बातें कहीं. अरूणा ने कहा कि उन्हें श्वांस संबंधी बीमारी है. हालत बिगड़ने पर भी उन्हें अस्पताल नहीं ले जाया गया. पुलिस ने हर तरफ से बर्बरता की.
गर्भवती महिला को भी नहीं बख्शा
प्रदर्शन में एक गर्भवती महिला भी शामिल थी. बताया जा रहा है उसके गर्भ मे तीन महीने का बच्चा था. उसे भी पुलिस ने छोड़ा. लाठी चार्ज में उसे गंभीर चोटें आईं हैं. हालत खराब बताई जा रही है. महिला स्वास्थ्यकर्मी को अस्पताल में भर्ती किया गया है. जहां उसका इलाज रही है.