भोपाल। समाज में व्याप्त गालियों के खिलाफ महिला डॉक्टर और समाज सेविका डॉ वंदना गुप्ता ने देशव्यापी मुहिम छेड़ी है. इसके लिए वह पूरे देश का दौरा कर रही हैं और प्रयास कर रही हैं कि हर स्कूल में होने वाली प्रार्थना के बाद मां बहन और बेटियों की गाली नहीं देने का संकल्प लिया जाए. ताकि बच्चे इन बुराइयों को समझें और गालियों से दूर रहें.
भाषा ही नहीं समाज को भी दूषित कर रही गालियां , महिला चिकित्सक चला रहीं इसके खिलाफ मुहिम
समाज में मां-बहन और बेटियां के लिए बोले जाने वाली गालियों के खिलाफ समाज सेविका डॉ वंदना गुप्ता देशभर में एक अभियान चला रही है जिसमें स्कूलों में प्रार्थना के बाद बच्चों को गाली नहीं देने की शपथ दिलाई जाएगी.
इस मुहिम को लेकर डॉ वंदना गुप्ता ने बताया कि अपशब्दों के कारण समाज को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है. छोटी-छोटी बच्चियों से बलात्कार,छेड़छाड़, अश्लील घटनाएं और जितनी भी वेब सीरीज है सब गंदी आ रही हैं, तो एक मानसिकता बन गई है. सालों से समाज के बीच रहकर उन्होंने यह महसूस किया कि मां बहन बेटी के लिए अपशब्द दी जाती है. इसमें बलात्कारी मानसिकता का बीज है इसके कारण समाज के अंदर बहुत अपराध बढ़ रहे हैं
अपशब्दों के खिलाफ अभियान -
इस अभियान में विशेष रूप से स्कूलों को टारगेट बनाया गया है इस अभियान के तहत स्कूली बच्चों को प्रार्थना के बाद एक 30 सेकंड की शपथ दिलाई जाती है. जिसमें प्रार्थना के बाद 4 बच्चे बाहर आकर शपथ लेते हैं कि'' हम संकल्प लेते हैं कि अपनी मां बहन बेटी के सम्मान में आज से कभी भी मां बहन बेटियों के लिए अपशब्द किसी को नहीं देंगे और गाली देना भारतीय संविधान के अंतर्गत दंडनीय अपराध है.
डॉ वंदना गुप्ता कहना कि आमतौर पर स्कूली बच्चें अस्पताल में एडमिट होने पर सुई लगने पर भी मां-बहन की गालियां देते हैं. उन्हें इनका अर्थ नहीं मालूम है, उन्हें विरासत में यह सब मिल गया है, तो वे बिना अर्थ समझे बोल रहे हैं. इन बच्चों को लगता है कि गालियां एक हथियार हैं. किसी के ऊपर अपना क्रोध व्यक्त कराने का तरीका है.ये सब देखकर मुझे लगा कि कुछ करना चाहिए समाज को इस तरह से गंदा होते तो हम नहीं देख सकते हैं.