भोपाल। भारत की नागरिकता के लिए सालों तक सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने के बाद आखिरकार 6 पाकिस्तान नागरिकों को भारत की नागरिकता मिल गई. मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने मध्य प्रदेश के अलग-अलग शहरों में रह रहे छह पाकिस्तानी नागरिकों को भारत की नागरिकता के सर्टिफिकेट सौंपे.
सालों बाद मिली नागरिकता से भारत में रह रहे नागरिकों के चेहरे खुशी से खिल उठे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में उन्होंने नारकीय जीवन बिताया. करीब 30 साल पहले भागकर भारत आए और अब कहीं जाकर वे भारतीय नागरिक बन गए हैं.
30 साल से थी आस
करीब 30 साल पहले पाकिस्तान से मध्यप्रदेश के मंदसौर आए अर्जुन दास बताते हैं कि वे पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रहते थे. उन्हें हमेशा डर के माहौल में रहना पड़ता था. भारत में जब भी दंगे फसाद होते या पाकिस्तान विरोधी माहौल होता तो इसका खामियाजा पाकिस्तान में रहने वाले हम जैसे लोगों को भुगतना पड़ता था.
बहू बेटियों की इज्जत का था सवाल
हिंदू मंदिर जलाए जाते हमारी बहू बेटियों से बदसलूकी होती. काम धंधा करना भी मुश्किल हो गया. इससे परेशान होकर 1990 में पाकिस्तान से भागकर भारत आ गए. मध्यप्रदेश के मंदसौर में कुछ रिश्तेदार रहते थे तो वही शिफ्ट हो गए. पिछले करीब 20 सालों से भारत की नागरिकता के लिए लगातार दफ्तरों के चक्कर काट रहे थे अब कहीं जाकर उन्हें भारत की नागरिकता मिली है.