भोपाल। कोरोना महामारी के संकट के बीच प्रदेश के किसानों की रबी की फसल बेचने में हुईं परेशानियां खत्म नहीं हुईं थीं कि अब उसे अगले सीजन की चिंता सताने लगी है. किसान इस पशोपेश में है कि खरीफ की फसल के लिए उसे बीज मिलेगा या नहीं. अगर मिलेगा तो किस कीमत पर मिलेगा उसकी गुणवत्ता कैसी होगी. वैसे भी हर साल किसान को खरीफ की फसल के लिए खाद,बीज और कीटनाशक के लिए परेशानियों से दो चार होना पड़ता था. लेकिन लॉकडाउन की वजह से ये परेशानियों और बढ़तीं दिख रहीं हैं. किसान का मानना है कि लॉकडाउन के चलते जब रोजमर्रा की चीजें महंगी मिल रहीं हैं तो फिर बीज तो महंगा ही मिलेगा. वहीं अमानत बीज को लेकर सरकार के प्रबंध पर उसे भरोसा नहीं है. ऐसी स्थिति किसानों अब भगवान भरोसे ही हैं.
खेती करने वाले किसान मुश्ताक का कहना है कि हमारी हमारी उपज औने-पौने दाम खरीदी जाती है. उसके बाद जब हमें बीज की जरुरत पड़ती है तो कई गुना दामों पर खरीदना पड़ता है. इसलिए मीडियम क्वालिटी का बीज ही लेते हैं. बीज अच्छा है या खराब, सब ऊपर वाले के भरोसे हैं. नकली बीज भी आता है, लेकिन सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती है.
हालांकि खाद बीज के विक्रेताओं का कहना है कि खरीफ की फसल को लेकर अभी किसानों की मांग आना शुरू नहीं हुई है. इसलिए अभी स्थिति का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. लेकिन संभावना है कि मांग आने पर बीज महंगा हो जाए. अगर सरकार सही इंतजाम करती है तो ये स्थिति नहीं बनेगी.