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लॉकडाउन में फूलों की खेती करने वाले किसानों की टूटी कमर - roses plant waste

कोरोना महामारी के कारण चल रहे लॉकडाउन से फूलों की खेती करने वाले किसान परेशान हैं. खेतों में खड़ी फूलों की फसल बर्बाद हो रही है और किसान अपनी किस्मत पर रो रहा है. इन परिस्थितियों में किसान अपनी बची- खुची लागत निकालने के लिए तरह-तरह के जतन कर रहा है.

Rose farming being ruined in lock down
लॉक डाउन में बर्बाद हो रही गुलाब की खेती

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Published : May 8, 2020, 9:23 AM IST

Updated : May 9, 2020, 7:18 AM IST

भोपाल। कोरोना महामारी के कारण चल रहे लॉकडाउन से फूलों की खेती करने वाले किसान परेशान हैं. खेतों में खड़ी फूलों की फसल बर्बाद हो रही है और किसान अपनी किस्मत पर रो रहा है. इन परिस्थितियों में किसान अपनी बची- खुची लागत निकालने के लिए तरह-तरह के जतन कर रहा है. खासकर गुलाब के फूलों की खेती करने वाले किसान अपने पौधों को बचाने के लिए गुलाब के फूल तोड़कर उन्हें सुखाकर उनका पाउडर तैयार कर बेच रहे हैं. हालांकि इसमें कुछ ज्यादा मुनाफा नहीं है, लेकिन जो भी हासिल हो रहा है, उससे फूलों की खेती की लागत निकालने के लिए कोशिश की जा रही है. फिलहाल लॉकडाउन कब तक चलता है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. इन परिस्थितियों में दूसरे किसानों की तरह फूलों की खेती करने वाले किसान भी बेहद परेशान हैं.

लॉक डाउन में बर्बाद हो रही गुलाब की खेती

दरअसल, फूलों की खेती का धंधा काफी मुनाफा वाला धंधा है, राजधानी भोपाल में फूलों की खेती करने वाले किसानों की सामान्य दिनों में रोजाना 3 हजार रुपये तक की आमदनी होती थी. खासकर त्योहार और शादियों के समय पर तो यह कमाई 5 हजार रुपये तक पहुंच जाती थी, लेकिन कोरोना महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के कारण फूलों का पूरा सीजन निकल गया और किसान लॉकडाउन खुलने का इंतजार करता रहा. किसान ने बड़े जतन से फूलों की फसल तैयार की थी, लेकिन इन फूलों को तोड़ा नहीं जाए. तो फूल का पौधा बर्बाद हो जाता है. फूल के पौधे को बर्बादी से बचाने के लिए किसान रोज फूल तोड़ रहे हैं.

गुलाब की फसल को लेकर किसान चिंतित

खासकर गुलाब की फसल को लेकर किसान बड़े चिंतित हैं. इन परिस्थितियों में किसान रोजाना गुलाब तोड़ कर उसकी पंखुड़ी अलग कर उन्हें सुखाने का काम कर रहे हैं. फूलों के सूखने के बाद गुलाब की पंखुड़ी का पाउडर तैयार किया जाता है. यह पाउडर मार्केट में डेढ़ सौ से दो सौ रुपये किलो तक बिकता है. इसका उपयोग इत्र, गुलाब जल और फेस मास्क में किया जाता है. लेकिन यह फायदे का सौदा नहीं है. क्योंकि जब 12 किलो गुलाब को सुखाया जाता है. तब एक किलो गुलाब का पाउडर तैयार होता है. इस तरकीब से किसान को फायदा तो नहीं हो रहा है. लेकिन लागत का कुछ हिस्सा जरूर हासिल हो रहा है और फूल का पौधा बर्बाद होने से बच रहा है.

फूलों की खेती करने वाले राजेश माली बताते हैं कि, गुलाब को तोड़कर सुखाया जा रहा है. मार्केट में सूखा गुलाब बिक जाता है. इसलिए उसको तोड़ते हैं, फिर उसकी पंखुड़ियों को डंठल से अलग कर देते हैं. उसको सुखाकर मार्केट में सूखा गुलाब का पाउडर बेचते हैं. इससे हमें फायदा तो नहीं होता है, लेकिन जो फसल बर्बाद हो चल रही है,उसको फेंकने से तो अच्छा है कि, कुछ ना कुछ उपयोग में लायेंं. क्योंकि 12 किलो गीला गुलाब होगा, तब जाकर 1 किलो सूखा गुलाब बनता है. मार्केट के अंदर डेढ़ सौ और दो सौ रुपये किलो बिकता है. हमें फायदा तो नहीं होता है,मगर जो फसल बर्बाद हो रही है और गुलाब का पेड़ खराब ना हो, इसलिए फूल तोड़ने पड़ते हैं. इसलिए हम इनको सुखा कर बेच रहे हैं.

Last Updated : May 9, 2020, 7:18 AM IST

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