भोपाल।प्रदेश में किसानों की आत्महत्याओं को लेकर कांग्रेस ने शिवराज सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. खरगौन के मलगांव के किसान अशोक बिजगवनिया द्वारा आत्महत्या किए जाने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर किसान की आत्महत्या की वजह कर्ज से परेशानी बताया है. इस पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने किसान आत्महत्या मामले में खरगौन एसपी से रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है.
किसान आत्महत्या पर कमलनाथ ने सरकार को घेराकिसान की आत्महत्या को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार को घेरा है, उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि मध्यप्रदेश में किसानों की आत्महत्याएं जारी हैं. अब खरगौन के मलगांव के किसान अशोक बिजगवनिया ने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या की. किसान बढ़ते कर्ज, उपज का सही दाम नहीं मिलने, खाद संकट, बिजली सकट के कारण परेशान हैं.
कर्ज से परेशान किसान ने दी जान कमलनाथ ने उठाये सवाल गृहमंत्री ने तलब की रिपोर्ट
गृहमंत्री ने तलब की रिपोर्ट
उधर किसान की आत्महत्या के मामले में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने खरगौर पुलिस से रिपोर्ट मंगवाई है. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि खरगौर पुलिस अधीक्षक को किसान की आत्महत्या संबंधी खबरों पर पुख्ता जानकारी भेजने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कहा कि जैसा खबरों में आ रहा है परिवार के सदस्य का मत उससे अलग है.
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परेशान अन्नदाता ने दे दी जान
रविवार देर शाम को खरगौन के मलगांव में कर्ज से परेशान एक किसान ने अपनी जान दे दी. किसान ने जहरीली दवा खाकर आत्महत्या कर ली. वहीं मृतक का पोस्टमार्टम सनावद के सिविल अस्पताल में किया गया. परिवार का आरोप है कि किसान पर बैंक का कर्ज अधिक था. इस कारण उसने यह कदम उठाया. मृतक अशोक बिजगवनिया की मलगांव गांव में 5 एकड़ जमीन है. और पिछले 3 वर्षों से प्राकर्तिक आपदा के कारण फसल भी बिगड़ रही है. उसने बैंक ऑफ इंडिया की बांगरदा शाखा का करीब 4 लाख रुपये कर्ज़ बाकी था. अशोक के रिश्तेदार ने बताया कि वह दो दिनों से पैसों को लेकर परेशान था. बैंक का कर्ज चुकाने के लिए उसने रिश्तेदारों से 5 लाख रुपये उधार मांगे थे. पुलिस ने मृतक के परिवार के बयान दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
प्रदेश में लगातार सामने आ रही ऐसी घटनाएं
बता दें कि इससे पहले 28 अक्टूबर को अशोकनगर जिले में ईसागढ़ थाना क्षेत्र के बड़ी पिपलोर गांव के किसान ने आत्महत्या कर ली थी. बताया जाता है कि किसान बारिश से बर्बाद हुई फसल और खाद न मिलने से परेशान था. प्रदेश के किसान बीतें कई दिनों से खाद के लिए परेशान हो रहे हैं. एनसीआरबी के आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो साल 2018 और 2019 में मध्यप्रदेश में 741 किसानों ने आत्महत्या की वहीं साल 2018 में 599 किसानों ने अपनी जान दे दी थी, जबकि 2019 में 142 किसानों ने आत्महत्या की थी.