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स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा: 200 से 300 रुपये में बनाई जा रही कोरोना की फर्जी निगेटिव रिपोर्ट

कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रदेश की सीमाओं को सील कर दिया गया है. जिससे की संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके, लेकिन एमपी के अनूपपुर से लगे बॉर्डर पर एक डॉक्टर लोगों को नकली निगेटिव रिपोर्ट बनाकर दे रहा है.

स्टिंग ऑपरेशन
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Published : May 18, 2021, 10:55 PM IST

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन लगाया गया है. इसके साथ ही प्रदेश के बॉर्डर भी सील किए गए हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ की सुरक्षा में मध्यप्रदेश के डॉक्टर सेंध लगा रहे हैं. जो हर आने-जाने वाले व्यक्ति को बिना कोविड जांच किए ही 200 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट दे रहे हैं. इसी निगेटिव रिपोर्ट के आधार पर उन्हें छत्तीसगढ़ में प्रवेश मिल रहा है. इसे लेकर ETV भारत ने पड़ताल की और पता लगाया कि पूरा मामला क्या है.

पड़ताल में जो चीजे सामने आई उसे देकर आप भी हैरान हो जाएंगे. चंद रुपयों के लिए किस कदर प्रदेश और लोगों की सुरक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है. कुछ डॉक्टर ऐसे हैं जो प्रशासन की लगातार की गई तैयारियों पर पलीता लगा रहे हैं.

फर्जी रिपोर्ट बनाने का स्टिंग ऑपरेशन

छत्तीसगढ़ की सीमा पर नाके लगने के बाद मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में स्थित वेंकटनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों की तो जैसे लॉटरी ही लग गई, क्योंकि छत्तीसगढ़ में प्रवेश करने के लिए नियमानुसार हर यात्री को 72 घंटे पहले की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट दिखाना जरूरी है. नाके पर तैनात कर्मी जब यात्रियों से उनकी कोविड रिपोर्ट की मांग करते हैं तो ज्यादातर यात्रियों के पास यह रिपोर्ट नहीं होती. जिसके बाद नाके पर नियुक्त कर्मी उन्हें वेंकटनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाने की सलाह देते हैं. जहां पहुंचाने के लिए पहले ही एक दलाल नाके के आसपास मौजूद होता है. जो हमारी टीम को भी मिला. दलाल ने कुछ दूर पर हमारी टीम को रोका और कहा कि यदि आप निगेटिव रिपोर्ट बनावाएंगे, तो प्रति व्यक्ति 200 से 300 डॉक्टर साहब लेंगे.

खुफिया रास्ते के बारे में बताता दलाल

दलाल ने छत्तीसगढ़ प्रवेश के लिए बताया शॉर्टकट रास्ता

दलाल ने बताया कि ये रिपोर्ट बिना जांच के मिल जाएगी. उसने आगे कहा कि अगर आप मुझे 100 रुपये प्रति यात्री दें तो मैं बिना किसी बेरियर नाका पार किए एक अलग रास्ते से मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ पहुंचा सकता हूं. ETV भारत की टीम ने दलाल से हॉस्पिटल जाने और डॉक्टर के पास कोविड की निगेटिव रिपोर्ट बनवाने की बात कही. जिसके बाद दलाल सीधे हमें डॉक्टर के पास लेकर पहुंच गया. सुबह 7:30 बजे डॉक्टर का दरवाजा खटखटा कर उन्हें जगाया.

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पहले से तैयार थी डॉक्टर की पर्ची

जांच केंद्र पहुंचने पर डॉक्टर ने हमसे पूछा कि कितने लोग हैं. चार आदमी देखकर डॉक्टर ने प्रति व्यक्ति 200 रुपये की दर से 800 रुपये लेकर, पहले से निगेटिव लिखकर अपने पास रखी रोगी कल्याण समिति की पर्ची दी. जिस पर पहले से ही पंजीकरण नंबर सहित निगेटिव लिखा हुआ था. रिपोर्ट में सिर्फ हमारा नाम, पता ,उम्र, मोबाइल नंबर लिखकर निगेटिव होने की रिपोर्ट हमें दे दी. यह रिपोर्ट लेकर हम बाहर निकल ही रहे थे कि हमें उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से बिलासपुर जा रहे 2 यात्री मिल गए. जिन्हें नाके से निगेटिव रिपोर्ट लाने के लिए भेजा गया था. इन यात्रियों से भी डॉक्टर ने प्रति व्यक्ति 200 लेकर निगेटिव रिपोर्ट दी. उस रिपोर्ट के सहारे दोनों यात्री छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर गए.

कोरोना की फेक रिपोर्ट

'हमें तो बस रिपोर्ट से मतबल है'

अपने चार साथियों की रिपोर्ट बिना जांच के निगेटिव मिलने के बाद हमने एक और स्थानीय व्यक्ति राजेंद्र पांडेय को तैयारकर उन्हें डॉक्टर के पास भेजा. डॉक्टर ने पहले की ही तरह राजेंद्र से 200 रुपये लेकर उनके निगेटिव होने की रिपोर्ट दे दी, लेकिन डॉक्टर को राजेंद्र पर शक हुआ तो उसने पूछताछ भी शुरू कर दी. डॉक्टर ने पूछा कि आपको किसने भेजा है. रिपोर्ट देने के बाद डॉक्टर तस्दीक करने बाहर तक आ गया. रिपोर्ट लेकर जब हम बॉर्डर पर स्थित नाके पर पहुंचे तो नाके पर पदस्थ ASI ने ये कहा कि हमें तो रिपोर्ट से मतलब होता है. वो रिपोर्ट कहीं से भी आए, निगेटिव रिपोर्ट देखने के बाद हम नाका खोल देते हैं.

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नाके से हो सकती है सांठगांठ !

इस मामले में नाके में पदस्थ कर्मचारियों का क्या रोल था, ये सामने नहीं आ सका, लेकिन ये तो तय है कि नाके में पदस्थ कर्मचारियों को पूरे गड़बड़ झाले की जानकारी शत प्रतिशत है. उन्हें ये भी पता है कि वेंकटनगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में किस तरह से रिपोर्ट बनती है. क्योंकि इस रास्ते से हर दिन कई यात्री छत्तीसगढ़ में प्रवेश करते हैं. पूरी रात और पूरे दिन यह सिलसिला चलता रहता है. ऐसे में आधी रात और सुबह-सुबह किस हॉस्पिटल में कर्मचारी तैनात होते हैं जो कोरोना संक्रमितो की जांच करेंगे ये सभी को पता है.

छत्तीसगढ़ प्रवेश करने का खुफिया रास्ता

मामले में हमारी टीम ने रिपोर्ट देने वाले डॉ. राजीव कुमार मोगरे से बात की. कैमरा सामने देखकर डॉक्टर साहब के होश उड़ गए. डरकर डॉक्टर ने ये बात कबूल की कि उसने लोगों से 200 रुपये लेकर रिपोर्ट बनाई है. डॉक्टर ने कहा कि आगे से ऐसी गलती नहीं करेंगे. बातचीत में डॉक्टर ने हमारी टीम को हमारे 5 व्यक्तियों के 1000 रुपये वापस कर दिए. इसके बाद हमारी टीम दलाल की बताई उस सड़क को भी देखने गई. जो बिना नाके की थी. जहां से 3 किलोमीटर के कच्चे रास्ते का सफर करने के बाद सीधे छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया जा सकता है.

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