भोपाल। बहुकला केंद्र 'भारत भवन' के स्थापना की 38वीं वर्षगांठ पर गुरुवार (13 फरवरी) से 11 दिवसीय समारोह की शुरूआत हो गई. अंतर्राष्ट्रीय सिरेमिक कला प्रदर्शनी के उद्घाटन के साथ 11 दिवसीय समारोह की शुरुआत हुई. इसमें गोंड कला प्रदर्शनी, गायन, वादन, लोक संगीत, नृत्य, कहानी-पाठ, फिल्म और नाटक पर केंद्रित प्रस्तुतियां भी आकर्षण का केंद्र रही.
'भारत भवन' के स्थापना दिवस पर अंतर्राष्ट्रीय सिरेमिक कला का प्रदर्शन, 14 देशों के कालाकारों ने की प्रदर्शनी - exhibition of international ceramic art
वासुदेव कुटुंब के आधार पर भारत भवन ने अपनी 38 वर्षगांठ पर भारत सहित दुनिया के 14 देशों के मिट्टी के कलाकारों की कला प्रदर्शनी और विचारों का आदान-प्रदान का अवसर दिया.
सिरेमिक कला का एक लंबा इतिहास है. संस्कृतियों से छोड़े गए सभी कलात्मक वस्तुएं बर्तन यह वह सुबूत हैं. जिससे हमें अपनी संस्कृति और इतिहास और सभ्यताओं का ज्ञान मिलता है. वासुदेव कुटुम के कंसेप्ट के आधार पर भारत भवन भोपाल ने एक बहुत ही अच्छा प्रयास किया गया. क्योंकि प्रत्येक मनुष्य अपनी माटी से प्रेम करता है. माटी में फलता फूलता खेलता और बड़ा होता है. भारत भवन भोपाल में 14 देशों में माटी से शिल्प बनाने वाले शिल्पकार है. उन्हें एक ही मंच पर लाने का प्रयास किया.