भोपाल। आबकारी विभाग ने देर रात एक आदेश जारी करते हुए कहा कि, ऑनलाइन परमिट में किसी भी तरह से परिवर्तन नहीं किया जाएगा. इसके लिए आबकारी आयुक्त ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा कि, आबकारी विभाग द्वारा ऑनलाइन मदिरा परमिट में किसी भी स्थिति में अंकित जानकारी को परिवर्तित नहीं किया जाए.
आबकारी आयुक्त ने सभी कलेक्टरों को लिखा पत्र, कहा- ऑनलाइन मदिरा परमिट में न करें परिवर्तन
आबकारी आयुक्त ने सभी जिलों के कलेक्टरों के लिए एक आदेश जारी किया है, जिसमें उन्होंने ऑनलाइन मदिरा परमिट में किसी भी स्थिति में अंकित जानकारी को परिवर्तित नहीं करने की बात कही है. पढ़िए पूरी खबर.
पत्र में कलेक्टरों से कहा गया है कि, वे अपने अधीनस्थ आबकारी स्टाफ को निर्देशित करें कि, रोड चेकिंग के दौरान यह सुनिश्चित किया जाए कि, ऑनलाइन जारी किये गए परमिट पर अंकित जानकारी या विवरण को परिसर में हाथ से परिवर्तित तो नहीं किया गया है. आबकारी आयुक्त ने इस संबंध में प्रदेश की सभी विनिर्माणी इकाइयों/मदर डिपो/देशी, विदेशी मद्य भाण्डागार के प्रभारी अधिकारियों को भी निर्देशित किया है कि, जारी किए जाने वाले ऑनलाइन परमिट में किसी भी स्थिति में अंकित जानकारी को हाथ से परिवर्तित न किया जाए.
इससे पहले सोमवार को पूर्व आबकारी मंत्री और कांग्रेस विधायक बृजेंद्र सिंह राठौर ने आरोप लगाया था कि, प्रदेश में शराब माफिया द्वारा आम जनता को निर्धारित दर से कहीं ज्यादा कीमत पर शराब बेचकर लूटा जा रहा है. बृजेंद्र सिंह राठौर ने कहा था कि, ऐसी स्थिति में राज्य सरकार को राजस्व की हानि हो रही है, उन्होंने शराब कारोबारी जगदीश अरोरा के कोरोना महामारी के दौरान सैनिटाइजर बनाकर बेचने का धंधा करने और उसमें जीएसटी नहीं चुकाने के मामले में भी आबकारी विभाग पर निशाना साधा था, उन्होंने कहा था कि, कोरोना महामारी के दौरान शराब की बिक्री में शराब कारोबारियों के साथ आबकारी विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस की मिलीभगत से राज्य शासन को राजस्व का भारी नुकसान उठाना पड़ा है. यही वजह है कि, कई पुराने दस्तावेजों और रिकॉर्ड में हेरफेर भी की गई है ,जिसकी जांच की जानी चाहिए. पूर्व आबकारी मंत्री और कांग्रेस विधायक बृजेंद्र सिंह राठौर द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद विभाग ने ये आदेश जारी किए हैं.