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भूतपूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड में हुआ करोड़ों का घोटाला, EOW ने दर्ज किया मामला

भूतपूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड में करोड़ों का घोटाला सामने आया है. जिसके चलते EOW ने मुख्य आरोपी रिटार्यड सैनिक नीरज चतुर्वेदी पर मामला दर्ज कर लिया है.

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ईओडब्ल्यू

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Published : Sep 16, 2020, 9:48 AM IST

भोपाल। भूतपूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड में एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें करोड़ों रुपए की हेराफेरी की गई है. मामला संज्ञान में आने के बाद आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) के द्वारा इस मामले में अपराध दर्ज कर लिया गया है. इस पूरे घोटाले के मामले में मुख्य आरोपित रिटायर्ड सैनिक नीरज चतुर्वेदी का नाम सामने आया है, जो भूतपूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड में लिपिक के पद पर पदस्थ थे. नीरज चतुर्वेदी के द्वारा फर्जी दावा बनाकर बोर्ड के खाते से करीब दो करोड़ 95 लाख रुपए स्वयं के खाते में ई-बैंकिंग के माध्यम से ऑनलाइन ट्रांसफर कर लिए गए थे.

आरोपी नीरज चतुर्वेदी के द्वारा इतनी बड़ी रकम अपने खाते में ट्रांसफर करने के बाद अपने घर का इंटीरियर डिजाइन करवाया गया था और इसी राशि में से उसके द्वारा 16 लाख रुपए का पेमेंट किया गया था. मामला दर्ज होने के बाद अब आरोपित नीरज चतुर्वेदी को EOW के द्वारा बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया जाएगा. नीरज चतुर्वेदी अपने पद से इसी साल जनवरी में रिटायर हो चुके हैं. इस मामले का खुलासा एक सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र रायकवार की शिकायत के बाद हुआ है.

इस मामले को लेकर नरेंद्र ने आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को शिकायत की थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि बोर्ड के संचालनालय में पदस्थ नीरज चतुर्वेदी ने अधिकारियों से मिलीभगत कर भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए मिली राशि अपने स्वयं के खाते में ट्रांसफर कर ली है. जांच के दौरान EOW ने ये पाया है कि जनवरी 2017 से सितंबर 2019 के दौरान नीरज ने खुद के बचत खाते में ई-बैंकिंग के माध्यम से करीब दो करोड़ 95 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे, ये राशि सुरक्षा कार्य में लगे भूतपूर्व सैनिकों की भविष्य निधि और कर्मचारी राज्य अंशदान की थी.

बोर्ड के अन्य सदस्यों की इस मामले में भूमिका की जांच भी अब EOW के द्वारा की जा रही है. इसके बाद आरोपियों की संख्या में इजाफा हो सकता है. EOW इस बात का भी पता लगा रहा है कि नीरज ने इतने रुपए अपने खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर कर लिए और इसका किसी स्तर पर सत्यापन भी नहीं किया गया. नीरज को कैसे ई-बैंकिंग का लॉगइन आईडी और पासवर्ड हासिल हुआ है. ईओडब्ल्यू इस बात की भी जांच कर रहा है कि क्या आरोपी के द्वारा इतनी बड़ी राशि किसी अन्य के साथ भी बांटी गई है, क्योंकि इतनी बड़ी रकम ऑनलाइन ट्रांसफर होने के बाद भी इतने समय तक किसी ने इस बात की जांच नहीं की और ना ही किसी प्रकार की शिकायत की गई.

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