भोपाल। 2020 इतिहास में दर्ज हो गया है, दूसरे विश्व युद्ध के बाद अगर दुनिया में किसी पीड़ा ने एक साथ जोड़े रखा है तो वह कोरोना वायरस का यही साल रहा है. जैसा कि कहते हैं हर दर्द को कुछ सिखाकर जाता है, वैसा ही सबक साल 2020 जाते-जाते दे गया है. इस बात के लिए आश्वत कर गया है कि दुनिया साल 2021 से एक नए माहौल में एक नई उम्मीद के साथ नई शुरुआत करेगी. 2020 जाते-जाते हर व्यक्ति को यह सीख दे गया किस तरह मुसीबत मे जिया जाता है. आईए जानते है अलग अलग वर्ग को लोगों से किस तरह से 2020 रहा और 2021 में क्या उम्मीद है.
क्या कहते हैं डॉक्टर
इस समय सबसे अधिक संघर्ष साल डॉक्टर के लिए निकला है. संघर्ष के बीच डॉक्टर उभर कर आये हैं. ऐसे ही एक डॉक्टर आरके पालीवाल ने बताया की कोरोना एक मार्च से लेकर दिसंबर का साल 2020 जीवन का स्वास्थ्य के लिए सबसे कठनाइयों भरा रहा है. इस महामारी ने जीवन के साथ रहन सहन को बदल दिया है. साथ ही जीवन के व्यापार, दिनचर्या के साथ 2020 में क्या पाया और क्या खोया इसके मूल्यांकन के साथ 2021 इसके आधार पर काम किया जाए तो 2021 में हम कई उपलब्धियों को पा सकते हैं. 2021 एक नए सबक के तौर पर नई उपलब्धियों के लिए रखेगा.
पत्रकारी की नजर में साल 2020
वरिष्ट संपादक संजय मिश्रा बातते है की समाज में 2020 एक पत्रकार की नजर में बहुत चुनौती से भरा रहा है. देखा जाए तो भारत की आबादी से कोरोना की संख्या नियंत्रित रही है. इसके बाद भी हर व्यक्ति के मन में डर बैठ गया था. साथ ही उन्होंने के कहा की चुनौतियों के बीच पत्रकार अपने आप को अन्य स्थापित करते हैं. इस बार कुछ अलग ढंग की चुनोतियां का सामना करना पड़ा है. इस चुनौती ने पत्रकारिता के नए दायरे को दिखाया है, 2021 इन नए आयामों के साथ सामने आएगा.