भोपाल। संतान सप्तमी का व्रत कर इस दिन आयुर्वेद (Ayurveda) की विशेष दवा लेने से संतान की प्राप्ति होती है. ऐसे दावे कई आयुर्वेदाचार्य (Ayurvedacharya) कर चुके हैं. भोपाल के आयुर्वेदाचार्य चंद्रशेखर तिवारी (Ayurvedacharya Chandrashekhar Tiwari) इस दिन विशेष मुहूर्त में लोगों को दवा देते हैं और इसका लाभ भी लोगों को हो रहा है. यहां भोपाल ही नहीं प्रदेश के साथ देश भर से निसंतान दंपत्ति आते हैं और दवा लेने के बाद जब संतान होती है, तो आयुर्वेदाचार्य को धन्यवाद देने भी आते हैं.
संतान प्राप्ति की आस में दूर-दूर से आते हैं लोग
रीवा से आए एक दंपति ने बताया की उनकी शादी को 16 साल हो चुके हैं लेकिन फिर भी घर में कोई संतान नहीं है. प्रदेश के कई बड़े अस्पतालों के चक्कर लगाने के बाद यह पहुंचे हैं. इस दौरान आयुर्वेदाचार्य चंद्रशेखर तिवारी ने इन्हें विशेष मुहूर्त में दवा पिलाई है, और यह उम्मीद है कि इसके माध्यम से इन्हें संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है. ऐसे एक नहीं, दो नहीं, कई लोग संतान सप्तमी के दिन बच्चे की आस में विशेष दवा लेने आयुर्वेदाचार्य के घर पर पहुंचते हैं .
भोपाल के अयोध्या नगर स्थित वैद्य चंद्रशेखर तिवारी (Vaidya Chandrashekhar Tiwari) के निवास पर संतान सप्तमी के दिन विशेष शिविर लगता है, जिसमें निशुल्क आयुर्वेद की दवा निसंतान दंपतियों को पिलाई जाती है. दरअसल शास्त्रों में संतान सप्तमी का अपना महत्व है. इस दिन को संतान प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. भोपाल के वैद्य चंद्रशेखर तिवारी के अनुसार संतान सप्तमी के दिन विशेष मुहूर्त होता है, इस दिन उस मुहूर्त में दवा देने से निसंतान दंपतियों को भी संतान की प्राप्ति होती है. इसके लिए दंपत्ति को सुबह से उपवास रखना होता है और दिन भर दवा के अलावा कुछ नहीं खाना होता है. आयुर्वेदाचार्य चंद्रशेखर तिवारी बताते हैं कि शास्त्रों में आयुर्वेद का अपना महत्व है, ऐसे में जड़ी बूटियों के माध्यम से ही बड़े बड़े रोगों का निवारण होता है. शास्त्रों में बताया गया है कि दिन, समय और नक्षत्र में अगर सही काम किया जाए और दवा का सेवन किया जाए तो निश्चित ही उन लोगों को भी संतान की प्राप्ति होती है जिन्हें संतान नहीं होती.
संतान संप्तमी के दिन जड़ी-बूटियों के सेवन से फायदा
आयुर्वेदाचार्य का दावा है कि जड़ी बूटियों के माध्यम से संतान सप्तमी के दिन अब तक उन्होंने लाखों लोगों को दवा दी है. जिसमें से 95% लोगों को संतान की प्राप्ति हुई है. आयुर्वेदाचार्य तिवारी 21 सालों से नि:शुल्क सेवा करते आ रहे हैं. इनके अनुसार मौनी अमावस्या के दिन दवा देने से उन लोगों को काफी फायदा हुआ है जिनको आवाज की समस्या थी, वहीं शरद पूर्णिमा के दिन दी जाने वाली दवा से अस्थमा के रोगी भी ठीक हुए हैं.
शिविर में आते हैं हर वर्ग के लोग