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खबर का असर: जींद में फंसे मप्र के मजदूरों को मिली मजदूरी - भोपाल न्यूज

जींद में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है, जींद के एसडी शिक्षण संस्थान के भवन निर्माण में लगे मजदूरों की खबर दिखाने के बाद संस्थान ने उनकी मजदूरी का भुगतान कर दिया है, जिसके बाद मजदूरों ने धन्यवाद किया.

Workers got wages in Jind
मजदूरों को जींद में मिली मजदूरी

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Published : May 19, 2020, 5:57 PM IST

जींद/भोपाल। एसडी शिक्षण संस्थान के मजदूरों को मेहनताना न देने के मामले में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है, ईटीवी भारत ने मध्यप्रदेश के मजदूरों की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और मजदूरों को उनके हक का पैसा भुगतान किया.

मजदूरों को जींद में मिली मजदूरी

ईटीवी भारत की खबर का असर

ईटीवी भारत की टीम ने इस मामले को जींद एसपी अश्विन शैणवी के संज्ञान में लाया, तब उन्होंने डीएसपी धर्मवीर खरब की डयूटी लगाई कि प्रवासी मजदूरों के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होना चाहिए, पुलिस विभाग के एक एएसआई विनोद की डयूटी भी लगाई गई. हमारी टीम से संपर्क कर विनोद शर्मा ने सारी जानकारी ली और मजदूरी दिलाने के लिए संस्थान में डेरा डाल दिया और शाम तक मजदूरों को उनका पैसा मिलने के बाद राहत की सांस ली.

मजदूरों को दिए गए चेक

बड़ी दौड़ धूप के बाद आखिरकार संस्था को झुकना पड़ा और एसडी स्कूल के प्राचार्य सुरेंद्र राणा के निर्देश पर राजकीय कॉलेज में मजदूरों को चेक बांटा गया. उन्होंने स्वामी को 7100 रुपये, बिंद्राबन को 10 हजार 500, राजेश को 19 हजार 500, बाबूराम को 28 हजार 250 तथा गोविंद को 8700 रुपये का चेक सौंपा. इस दौरान उन्होंने कहा कि मजदूरों की बकाया मजदूरी वे प्रबंधन के निर्देश पर देने आए हैं.

जानें पूरा मामला

एसडी शिक्षण संस्थान के नए भवन में पिछले कई महीनों से निर्माण कार्य में लगे मध्यप्रदेश के मजदूर परिवारों को बिना मजदूरी दिए निकाल दिया था, ये स्कूल परिसर में ही रह रहे थे. कुछ समाजसेवियों के संज्ञान में उस दिन मामला आया, तब प्रशासनिक फटकार के बाद संस्थान के प्रधान लक्ष्मीनारायण बंसल मजदूर परिवारों को ये कह कर वापस ले गए कि अगले दिन सुबह इनका हिसाब चुकता कर वापस भेज दिया जाएगा. पूरे दो दिन तक इन पांच मजदूर परिवारों का हिसाब नहीं किया गया.

मजदूरों का आरोप है कि इनसे कुछ कोरे कागज पर साइन कराने की कोशिश भी की गई, इन गरीब परिवारों को भनक लगी कि सोमवार को सुबह बस जाएगी, जो अंबाला या दिल्ली स्टेशन पर छोड़ेगी, जहां से मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों के लिए ट्रेन जाएगी. ये सूचना पाकर ये गरीब परिवार (5 पुरूष, 5 महिलाएं व दस बच्चे) दुखी मन से स्कूल से निकल गए.

ईटीवी भारत का धन्यवाद किया

मजदूर बाबूलाल ने बताया कि नागरिक अस्पताल में हमारे स्वास्थ्य की जांच होनी थी और सुबह इन्हें बस में रवाना किया जाना था. मजदूर गोविंद और राजू ने कहा कि सुबह 11 बजे प्रधान ने उन्हें ऑफिस में बुलाया था. कुछ कागजों पर साइन कराना चाहा, मगर उन्होंने नहीं किए. वे पिछले दो दिनों से आश्वासन दे रहे थे, मगर मेहनताना नहीं दिया. हम तो ये सोचकर निकल लिए थे कि अब भगवान ही कुछ करेगा, लेकिन पत्रकार और पुलिस कर्मचारी विनोद शर्मा की मदद से हमारा पैसा मिल गया, हम धन्यवाद करते हैं.

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