भोपाल।अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है. इस बारे में ईटीवी भारत ने एम्स के डायरेक्टर डॉ सरमन सिंह से बातचीत की. एम्स के डायरेक्टर डॉ. सरमन सिंह ने मरीजों के इलाज के बारे में बताया कि वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन और स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रोटोकॉल के मुताबिक मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इसके साथ ही मरीज को साइक्लोजिकल सपोर्ट भी दिया जा रहा है, ताकि उनमें किसी तरह का डर ना रहे.
डॉक्टर सिंह के मुताबिक हमें अभी पैनिक होने की जरूरत नहीं है. आइसलैंड में हुई एक स्टडी को यूके की स्टडी से कंपेयर किया गया तो यह बात सामने आई कि आइसलैंड में 1 लाख लोगों में से 4 व्यक्तियों को यह संक्रमण हो रहा है और इंग्लैंड में 1 लाख में से 10 व्यक्तियों को.
इसे यदि इंडिया के परिपेक्ष्य में देखा जाए तो जिस तरह हमारे यहां टेस्ट हो रहे हैं, उस हिसाब से लाखों में से एक व्यक्ति को यह बीमारी हो रही है. लेकिन इस बीमारी को रोकने के लिए जरूरी है कि एडवाइजरी और सोशल डिस्टेंसिंग का सही तरीके से पालन किया जाए.
यह इसलिए जरूरी है क्योंकि 50% ऐसे केस हैं, जिनमें लक्षण दिखाई नहीं देते, ऐसे में हमें यह नहीं पता कि किस व्यक्ति को संक्रमण और किसे नहीं, यह टेस्ट के बाद ही सामने आता है. केवल 5% से 10% ही ऐसे मरीज होते हैं, जिनमें गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं और उन्हें वेंटिलेटर और गंभीर उपचार की जरूरत पड़ती है.