भोपाल। ई-टेंडर घोटाले के बाद अब EOW ने स्मार्ट सिटी घोटाले की जांच भी शुरू कर दी है. EOW में स्मार्ट सिटी घोटाले को लेकर शिकायत की गई है. इसमें बीजेपी नेताओं पर आर्थिक अनियमितता और अपने करीबियों को टेंडर देने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इस शिकायत में कई नेताओं और अफसरों के नाम भी शामिल है. बताया जा रहा है EOW इस मामलें को लेकर जल्द FIR दर्ज कर सकता है.
जहां शिवराज सरकार में हुए ई-टेंडर घोटाले की जांच EOW में जारी है, वहीं अब स्मार्ट सिटी के टेंडरों में भी गड़बड़ी करने के आरोप बीजेपी नेताओं पर लग रहे हैं. जिसके खिलाफ EOW में एक शिकायत भी दर्ज की गई है, जिसकी जांच EOW शुरू कर चुका है. बताया जा रहा है कि यह घोटाला बीजेपी सरकार के दौरान किया गया है, जिसकी शिकायत कांग्रेस नेता शबिस्ता आसिफ जकी ने की है.
EOW ने शुरू की स्मार्ट सिटी घोटाले की जांच स्मार्ट सिटी घोटाले की शिकायत में लगाए गए आरोप
- भोपाल के पॉलिटेक्निक चौराहे से भारतमाता चौराहे तक स्मार्ट रोड का टेंडर 31 करोड़ रुपए में हुआ था और 27 करोड़ का वर्क ऑर्डर भी जारी किया गया था. लेकिन स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन ने ठेकेदार को 32 करोड़ का भुगतान कर दिया.
- स्मार्ट सिटी के गाइडलाइन के हिसाब से विभाग की जमीन स्मार्ट सिटी के नाम ट्रांसफर होनी थी. लेकिन स्मार्ट रूट की आधी जमीन प्राइवेट और आधी वन विभाग की है. इस नियम का पालन किए बिना ही करोड़ों का निर्माण कार्य आनन- फानन में शुरू कर दिया गया.
- स्मार्ट रोड में अंडरग्राउंड बिजली लाइन बिछाने के नियमों का भी उल्लंघन किया गया है. रोड के ऊपर से बिजली की लाइन निकाली गई है.
- पहली बारिश में ही स्मार्ट सिटी की बाउंड्री वॉल ढह गई , जब दीवार में लगी ईटों की जांच की गई तो वह गुणवत्ता में फेल पाई गई.
शिकायत में तत्कालीन भोपाल कलेक्टर छवि भारद्वाज, चंद्रमौली शुक्ला, संजय कुमार, रामजी अवस्थी, उपदेश शर्मा, श्रीराम तिवारी के साथ- साथ महापौर आलोक शर्मा की भी भूमिका की जांच की जा रही है. माना जा रहा है कि जांच के बाद जल्द ही EOW इस मामले में भी FIR दर्ज कर सकती है.