भोपाल।सरकार ने लोक परिसंपत्तियों का प्रबंधन करने के लिए लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग बनाया है. विभाग के प्रस्ताव पर निर्णय करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में साधिकार समिति बनाई गई है.लोक परिसंपत्तियों के प्रबंधन के लिए प्रस्तावों को मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की अध्यक्षता वाली समिति अंतिम रूप देगी. इसके बाद ही प्रस्ताव आर्थिक मामलों की मंत्री परिषद समिति के सामने निर्णय के लिए रखे जाएंगे. समिति के निर्णय सभी विभागों के लिए बंधनकारी होंगे और उनका क्रियान्वयन करना जरूरी होगा.
लोक परिसंपत्तियों के प्रबंधन के लिए बनी साधिकार समिति, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस होगे अध्यक्ष - Empowered Committee for Management of Public Assets
सरकार ने लोक परिसंपत्तियों का प्रबंधन करने के लिए लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग बनाया है. विभाग के प्रस्ताव पर निर्णय करने के लिए मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की अध्यक्षता में साधिकार समिति बनाई गई है.
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में लोक परिसंपत्तियों के प्रबंधन के लिए लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग के प्रस्तावों पर निर्णय के लिये राज्य शासन ने साधिकार समिति का गठन किया है. साधिकार समिति में अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास, प्रमुख सचिव वित्त, प्रमुख सचिव राजस्व, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास, प्रमुख सचिव लोक निर्माण एवं प्रमुख सचिव लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग सदस्य होंगे, समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य प्रमुख सचिव, संबंधित विभाग और सदस्य सचिव प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम होंगे.
साधिकार समिति के समक्ष लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों में से प्रबंधन के लिए परिसंपत्तियों का चयन करने, सार्वजनिक उपक्रमों से संबंधित विनिवेश प्रक्रिया प्रारंभ करने की अनुशंसा, परिसंपत्तियों के प्रबंधन एवं सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से अधिकतम मूल्य अर्जित करने के लिये संबंधित विभागों से विशेष अनुमति अथवा छूट प्राप्त करना, परिसंपत्ति / सार्वजनिक उपक्रम के प्रबंधन से संबंधित प्रस्ताव पर प्रस्तुत विकल्पों में से बेहतर विकल्प का चयन एवं अनुशंसा, संपत्तियों के प्रबंधन एवं सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से संबंधित मानक प्रक्रिया एवं अनुबंध दस्तावेजों का अनुमोदन, परिसम्पत्तियों के प्रबंधन एवं सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से संबंधित न्यूनतम मूल्य (रिजर्व प्राइज) निर्धारण के मामले देखे जायेंगे.