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महंगाई भत्ता रोकने पर पूरे देश के कर्मचारी आहत - मप्र अधिकारी- कर्मचारी संयुक्त मोर्चा

केंद्र सरकार के उस निर्णय का मध्यप्रदेश कर्माचारी- अधिकारी मोर्चा ने विरोध किया है, जिसमें कर्मचारियों का महंगाई भत्ता रोक जाने का फैसला किया गया है.

MP Officer Employees United Front said - the decision of the Center to stop dearness allowance hurt the employees of the whole country
मप्र अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने कहा- महंगाई भत्ता रोकने के केंद्र के निर्णय पर पूरे देश के कर्मचारी आहत

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Published : Apr 27, 2020, 2:38 PM IST

Updated : Apr 27, 2020, 2:48 PM IST

भोपाल। केंद्र सरकार द्वारा 23 अप्रैल 2020 को लिए गए उस निर्णय पर, मध्यप्रदेश कर्माचारी- अधिकारी मोर्चा ने विरोध किया है, जिसमें केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता रोक जाने का फैसला किया गया है. मोर्चा ने केंद्र सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है. मप्र अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने प्रधानमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में महंगाई भत्ता फ्रिज किए जाने के निर्णय पर कर्मचारियों एवं जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को होने वाले हानि का ब्यौरा भेज कर उस पर पुनर्विचार कर निर्णय लेने का अनुरोध किया है.

मप्र अधिकारी- कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने बताया कि, इस प्रकार के केंद्र द्वारा किए जाने वाले निर्णय के परिप्रेक्ष्य में राज्य सरकारें अपनी- अपनी सुविधा अनुसार भिन्न-भिन्न आदेश जारी करेंगी. जिससे कर्मचारियों को भारी आर्थिक हानि उठानी पड़ेगी. मोर्चे द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को बताया गया है कि, कोरोना वायरस से प्रदेश के आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ रखने के लिए प्रदेश के लगभग दस लाख कर्मचारियों द्वारा सरकार के आह्वान पर एक दिवस का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराया गया है.

उन्होंने बताया कि, मध्य प्रदेश राज्य के कर्मचारी पहले से ही केंद्र की तुलना में कम वेतन प्राप्त कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में करोना वायरस के नाम पर अब किसी प्रकार की कटौती नहीं की जाए. उल्लेखनीय है कि, गृह भाड़ा भत्ता महंगाई भत्ता, वेतनमान,पदोन्नति, अवकाश नगदी करण, यात्रा भत्ता आदि पहले से ही राज्य कर्मचारी कम प्राप्त कर रहे हैं. मोर्चा ने मुख्यमंत्री से यह मांग की है कि, भविष्य में कर्मचारियों से संबंधित कोई भी निर्णय लेने से पहले कर्मचारी संगठनों से चर्चा कर निर्णय लिया जाए.

Last Updated : Apr 27, 2020, 2:48 PM IST

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