भोपाल। कोरोना संकट के दौर में भले ही राजनीतिक दल मिलजुलकर काम करने की बात कह रहे हों लेकिन प्रदेश में उपचुनाव होने के कारण सियासत भी जमकर हो रही है. रोना संकट से निपटने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने कई तरह के फैसलों पर रोक लगाई है. इसी कड़ी में प्रदेश के कर्मचारियों का 5 फीसदी डीए रोक दिया है. तो दूसरी तरफ सातवें वेतनमान के एरियर की तीसरी किस्त भी रोक दी गई है. कर्मचारी वर्ग सरकार के फैसले से नाराज हैं और उनकी मांग है कि सरकार आदेश जारी करे कि कर्मचारियों के हक का पैसा कब देगी. इस मामले में कांग्रेस का कहना है कि जब कर्मचारियों को पैसा देना चाहिए तब सरकार उनके हक के पैसे पर रोक लगा रही है. वहीं सत्ताधारी दल बीजेपी का कहना है कि बीजेपी से कर्मचारियों का 15 साल पुराना संबंध है और हम उनके के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने कर्मचारी नाराज
मध्यप्रदेश कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह कहते हैं कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा सातवें वेतनमान को लेकर जो आदेश जारी हुआ है कि तीसरी किस्त के भुगतान का आदेश आगामी आदेश तक स्थगित कर दिया गया है. पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार ने कर्मचारियों को 5 फीसदी डीए देने का आदेश जारी किया था. जिस पर रोक लगा दी गई है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया है ये आदेश भी जारी किया जाए कि 5 फीदसी डीए और तीसरे वेतनमान की किस्त सरकार कब देगी इसका भी एक आदेश जारी करें.
कोरोना महामारी की त्रासदी को बढ़ा रहे शिवराज- कांग्रेस
इस मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि आज पैसे की आवश्यकता हर किसी को है. सरकार प्रदेश को केवल कर्ज पर खड़ा करना चाहती है. प्रदेश सरकार कर्मचारियों और अधिकारियों के डीए और वेतन में कटौती कर रही है, यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण हैं. जबकि इस मुसीबत के समय में इनकी आर्थिक मदद करना चाहिए. शर्मा ने कहा कि शिवराज सिंह निश्चित ही कोरोना महामारी की त्रासदी को बढ़ाने का काम करेंगे और लोगों के सामने आर्थिक समस्याएं खड़ी करेंगे. उन्होंने कहा कि इसका खामियाजा शिवराज सरकार पार्टी को भुगतना पड़ेगा.
कर्मचारियों से हमारा 15 साल पुराना नाता चिंता न करे कांग्रेस- बीजेपी
मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेस को कर्मचारियों की चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि कांग्रेस की सरकार ने सड़कों पर उतरकर सेवा करने की बात नहीं की और न हीं मजदूरों और तमाम तरह के गरीबों को भोजन देने की बात की. उन्होंने कहा कि बीजेपी और कर्मचारियों का 15 साल पुराना संबंध है और इनके हित और हक के लिए बीजेपी ने लगातार काम किया है. कांग्रेस को जवाबन देते हुए उन्होंने कहा कि फिलहाल प्राथमिकता कोरोना संकट से निपटना है और कांग्रेस गंदी राजनीति कर रही है. कांग्रेस को सड़कों पर उतरने की चेतावनी देने की बजाए सेवा करना चाहिए.