भोपाल। यदि आपके घर का बिजली बिल अचानक ज्यादा आने लगा हो, तो यह खबर आपके कान खोलने वाली हो सकती है. मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियों ने 1 किलो से कम भार वाले बिजली उपभोक्ताओं के बिजली बिल स्थगित करने से बचने के लिए उपभोक्ताओं को बताए बिना ही उनका मीटर लोड बनाकर 2 किलो वॉट कर दिया. बिजली कंपनियों के इस मनमर्जी से प्रदेश के करीब 20 लाख बिजली उपभोक्ताओं पर बिजली बिलों का दोगुना भार डाल दिया गया. कांग्रेस ने प्रदेश भर के 20 जिलों के बिजली उपभोक्ताओं का डाटा एनालिसिस कर इसका खुलासा किया है.
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि दो माह पहले 5 अगस्त को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नौगांव में बढ़े हुए बिजली बिलों को स्थगित किए जाने का ऐलान किया था. कांग्रेस प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि सरकार ने गरीब बिजली उपभोक्ताओं के साथ धोखेबाजी की है. उन्होंने बीजेपी से पांच सवाल भी पूछे हैं.
सीएम के ऐलान के बाद बिजली कंपनियों का कमाल: कांग्रेस प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में पत्रकार वार्ता में कहा कि "मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नौगांव में एक कार्यक्रम में ऐलान किया था कि बढ़े हुए बिल सरकार भरेगी. यहीं से सरकार की लोगों के साथ बेईमानी और धोखेबाजी शुरू हो गई. सीएम की घोषणा के बाद मध्य प्रदेश शासन के ऊर्जा विभाग ने 1 सितंबर को आदेश निकाला, जिसमें लिखा गया कि यह बिल कुछ समय के लिए स्थगित किए जाते हैं. 1 किलो वाट तक के किसी भी उपभोक्ता का बिल माफ तो नहीं हुआ, लेकिन प्रदेश के 20 लाख उपभोक्ताओं का बिजली लोड बढ़ा दिया गया. प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों ने जिन उपभोक्ताओं का बिजली लोड 1 किलोवाट था, उसे बढ़ाकर दो किलोवाट कर दिया गया.