भोपाल।बुजुर्ग इन दिनों एंप्टी नेस्ट सिंड्रोम (Empty Nest Syndrome) का शिकार हो रहे है. यह बीमारी अकेलेपन के कारण हो रही है. इसका प्रमुख कारण बच्चों का माता-पिता के साथ ना रहना है. ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि जो बच्चे अपने माता-पिता के साथ नहीं रहते उन बुजुर्गों में इस प्रकार की बीमारी हो रही है. मनोचिकित्सकों का कहना है कि इस बीमारी के लगातार मरीज पूरे देश में बुजुर्ग शिकार हो रहे है. मनोचिकित्सक और काउंसलर के पास रोज ऐसे बुजुर्गों के फोन आते हैं, जो इस बीमारी से पीड़ित है.
नौकरी लगने के बाद दूर हो जाते है बच्चे
अधिकतर मामलों में ऐसा होता है कि बच्चे नौकरी, पढ़ाई या किसी अन्य कारणों से अपने माता-पिता से दूर रहने लगते है. एक उम्र के बाद बुजुर्गों को अपनों के साथ रहने की इच्छा होती है. उस उम्र में बच्चों को घर से दूर रहना पड़ता है, जिसके कारण बुजुर्ग अकेलापन महसूस करने लगते है. देखते ही देखते यह अकेलापन इतना बढ़ जाता है कि एंप्टी नेस्ट सिंड्रोम बीमारी का रूप ले लेता है.
रोजाना आ रहे दो-तीन केस
भोपाल में काउंसलिंग करने वाली काउंसलर सोनम चटवानी बताती हैं कि एंप्टी नेस्ट सिंड्रोम बीमारी लगातार अपने पैर पसार रही है. बुजुर्गों को अकेलापन खाए जा रहा है. उनके पास रोज दो से तीन केस ऐसे आते हैं. जिसमें बच्चे बाहर नौकरी कर रहे हैं, या पढ़ाई करते हैं और यहां माता पिता घर में अकेले हैं. ऐसे में बच्चे उनकी फोन पर ही काउंसलिंग कराना चाहते हैं. लेकिन माता-पिता चाहते हैं कि बच्चे उनके पास आ जाए, तो ही वह ठीक होंगे.
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