भोपाल। देश में लॉकडाउन के बाद से ही कई राज्यों में काम कर रहे मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया. जिसके बाद मजदूर पैदल ही अपने घर लौटने लगे. ऐसे में अब उत्तर प्रदेश सरकार के बाद मध्यप्रदेश सरकार अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस लाने की तैयारी में है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि राजस्थान और गुजरात से बसों के माध्यम से मजदूरों को वापस लाने की कवायद शुरू कर दी गई है, लेकिन इस दौरान संक्रमण से बचाव के लिए सभी नियमों का पालन किया जाएगा. जिन मजदूरों को अन्य राज्यों से लाया जा रहा है, उनकी चिकित्सक टीम स्क्रीनिंग करेगी, इसके अलावा ई-पास दिए जाने की व्यवस्था भी शुरू कर दी गई है. लेकिन इसमें भोपाल, इंदौर, उज्जैन और अन्य हॉटस्पाट शहरों को शामिल नहीं किया गया है. इन शहरों में ई-पास नहीं दिए जाएंगे.
लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को वापस ला रही सरकार, बसों में सवार हजारों मजदूर
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बताया कि राजस्थान और गुजरात से बसों के माध्यम से मजदूरों को वापस लाने की कवायद शुरू कर दी गई है. प्रदेश से भी अन्य राज्यों के करीब 8 हजार मजदूरों को उनके घर भेजा जाएगा.
सीएम ने कहा कि सरकार ने दूसरे राज्यों में फंसे मध्यप्रदेश के मजदूरों को बसों से प्रदेश वापस लाने का कार्य प्रारंभ कर दिया है. हमने उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान आदि राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर ली है. राजस्थान से हमारे मजदूर आने शुरू हो गए हैं. गुजरात से 2 हजार 400 मजदूर 98 बसों से मध्यप्रदेश के लिए रवाना हो चुके हैं. अन्य राज्यों से भी मजदूरों को शीघ्र प्रदेश वापस बुलाया जाएगा. प्रदेश के अन्य जिलों में फंसे मजदूरों को बसों से उनके गृह जिलों और गांवों में लाने का कार्य किया जा रहा है. ये क्रम निरंतर जारी रहेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि मजदूर धैर्य रखें, सभी को लाए जाने की व्यवस्था की जाएगी.
हम अपने मजदूरों को पैदल नहीं चलने देंगे, परेशान नहीं होने देंगे. सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग और स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जाएगा और उन्हें होम क्वारेंटाइन में रखा जाएगा. आवश्यकता होने पर उन्हें गांव के बाहर एक केन्द्र में भी रखा जा सकता है. इस कार्य में वे प्रशासन का पूरा सहयोग करें. सीएम ने गांव वालों से अनुरोध किया है कि वे बाहर से लौटने वाले अपने मजदूर भाइयों का सहयोग करें. पूर्ण मानवीय दृष्टिकोण रखें.