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'हम भी है कोरोना यौद्धा, हमें भी दिए जाएं 50 लाख', शिक्षकों की सरकार से मांग - Education department employees

शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने खुद को कोरोना योद्धा का दर्जा देने की मांग तेज कर दी है. समग्र शिक्षक व्याख्याता एवं प्राचार्य कल्याण संघ ने सरकार से मांग की है कि, उन्हें भी कोरोना योद्धा की श्रेणी में रखा जाए.

Education department employees demand grant of corona warrior
कोरोना योद्धा का दर्जा देने की मांग

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Published : Jun 23, 2020, 3:16 PM IST

भोपाल। कोरोना संक्रमण के चलते मध्य प्रदेश सरकार ने दिन-रात ड्यूटी में जुटे अधिकारियों- कर्मचारियों को कोरोना योद्धा की श्रेणी में रखा है. जिसमें स्वास्थ्य कर्मी, सफाई कर्मी, पुलिस, निगम कर्मचारी शामिल हैं. सरकार ने प्रावधान किया है कि, अगर कोरोना ड्यूटी के दौरान किसी भी कोरोना वॉरियर की मौत होती है तो, उसके परिवार को 50 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी, लेकिन शिक्षकों को कोरोना योद्धा नहीं माना गया है. अब शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी खुद को करोना योद्धा का दर्जा देने की मांग तेज कर दी है.

कोरोना योद्धा का दर्जा देने की मांग

समग्र शिक्षक व्याख्याता एवं प्राचार्य कल्याण संघ ने सरकार से मांग की है कि, उन्हें भी कोरोना योद्धा की श्रेणी में रखा जाए. दरअसल शिक्षकों का कहना है कि, कोरोना काल के दौरान शिक्षा विभाग के अधिकारियों- कर्मचारियों ने भी अस्पतालों में लगातार ड्यूटी की है. इसके अलावा सर्वे का काम भी शिक्षकों ने किया है. वहीं अब हाई और हायर सेकेंडरी की परीक्षाओं को आयोजित कराने के बाद उत्तर पुस्तिका जांचने के लिए भी शिक्षकों को केंद्र पर बुलाया जा रहा है.

शिक्षकों ने कहा कि, केंद्र पर जाकर उत्तर पुस्तिका जांचने में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. शिक्षक इसकी चपेट में आ सकते हैं. इसलिए या तो सरकार पहले की तरह घर पर ही उत्तर पुस्तिका जांचने की अनुमति दें या फिर 14 दिनों के बाद मूल्यांकन के लिए केंद्र पर बुलाए. शिक्षक संघ ने इसे लेकर गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा को भी ज्ञापन सौंपा है. नरोत्तम मिश्रा ने शिक्षकों को आश्वासन देते हुए इस बारे में शिक्षा विभाग से चर्चा करने की बात कही है.

प्राचार्य कल्याण संघ ने सरकार से मांग की है कि, अगर केंद्र पर ही बुलाकर उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करना आवश्यक है तो शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को भी कोरोना वॉरियर्स की श्रेणी में रखा जाए. मुख्यमंत्री कोरोना योद्धा कल्याण योजना के अंतर्गत जीवन हानि होने पर प्रावधान के तहत उनके भी परिजनों को 50 लाख की सहायता राशि दी जाए.

महिला शिक्षिक ने बताया कि, शिक्षा विभाग में ज्यादातर महिला शिक्षक हैं, जो लगातार कोरोना काल में अस्पतालों और सर्वे के काम में ड्यूटी कर रही हैं. बता दें कि, हाल ही में 10वीं और 12वीं कक्षा की बची हुई परीक्षा आयोजित की गई है. अब शिक्षकों पर उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन केंद्र पर आकर करने का दबाव बनाया जा रहा है.

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