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MP की जेलों में शिक्षित युवा कैदियों की संख्या ज्यादा, कैद में रहकर ले रहे शिक्षा

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Published : Oct 16, 2020, 3:05 PM IST

मध्य प्रदेश की जेलों में सजा काट रहे कैदियों में बड़ी संख्या में शिक्षित कैदी भी शामिल हैं. प्रदेश के अलग-अलग जेलों में जो कैदी बंद हैं, उनमें कई पोस्ट ग्रेजुएट, ग्रेजुएट तो टेक्निकल डिप्लोमा वाले कैदी भी हैं. वहीं प्रदेश की जेलों में 18 से 30 साल के कैदी भी बड़ी संख्या में सजा काट रहे हैं, इनमें से कई कैदी जेल में रहते हुए भी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.

Educated prisoner
पढ़े लिखे कैदी

भोपाल। मध्य प्रदेश की जेलों में बड़ी संख्या में शिक्षित और युवा सजा काट रहे हैं. इन जिलों में 400 से ज्यादा पोस्ट ग्रेजुएट तो 1100 से ज्यादा ग्रेजुएट कैदी हैं. इसके अलावा टेक्निकल और दसवीं पास कैदियों की संख्या भी बहुत ज्यादा है. वहीं प्रदेश की जेलों में 18 से 30 साल के कैदी भी बड़ी संख्या में सजा काट रहे हैं, इनमें से कई कैदी जेल में रहते हुए भी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.

मध्य प्रदेश की जेलों में सजा काट रहे कैदियों में बड़ी संख्या में शिक्षित कैदी भी शामिल हैं. प्रदेश के अलग-अलग जेलों में जो कैदी बंद हैं, उनमें कई पोस्ट ग्रेजुएट, ग्रेजुएट तो टेक्निकल डिप्लोमा वाले कैदी भी हैं. यह कैदी हत्या, हत्या का प्रयास और गंभीर अपराधों में जेल की सजा काट रहे हैं. इसके अलावा मध्य प्रदेश के जिलों में सबसे ज्यादा युवा कैदी भी सजा काट रहे हैं. इनमें 18 से 30 साल के कैदी बड़ी संख्या में शामिल हैं, तो वहीं इन कैदियों को जेल के अंदर भी शिक्षा दी जा रही है. जिलों में इग्नू यूनिवर्सिटी के जरिए इन कैदियों को पढ़ाई करवाई जा रही है.

पढ़े लिखे कैदी

कोरोना काल में जहां सभी स्कूल कॉलेज बंद हैं. वहीं जेलों में नियमित रूप से कक्षाएं लगाई जा रही है. यहां प्ले स्कूल से लेकर 10वीं 12वीं और ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई जारी है. जेल में बंद महिला कैदियों के साथ उनके बच्चे भी बकायदा अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. 5 साल से कम उम्र के बच्चों को उनकी मां के पास जेल में नहीं रखा जाता है. जेल में महिला कैदियों के बच्चों के लिए प्ले स्कूल की व्यवस्था जेल के अंदर ही की गई है. इस क्लास में बच्चों को पढ़ाने के लिए टीचर और प्ले स्कूल की तर्ज पर खिलौने भी रखे गए हैं.
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प्रदेश की जेलों में शिक्षित कैदी
मध्य प्रदेश की जेलों में 492 पोस्टग्रेजुएट कैदी हैं.
इसके अलावा 1,153 कैदी ऐसे हैं जो ग्रेजुएट हैं.
टेक्निकल डिप्लोमा वाले 159 कैदी जेलों में बंद हैं.

10वीं पास कैदियों की संख्या प्रदेश की जेलों में 4092 है.
10वीं से कम पढ़े लिखे कैदियों की संख्या 9040 है.
वहीं प्रदेश के जिलों में 5094 अशिक्षित कैदी सजा काट रहे हैं.

प्रदेश की जेलों में युवा कैदी काट रहे हैं सजा
मध्य प्रदेश की जेलों में 18 से 30 साल की उम्र वाले 8047 कैदी बंद हैं.
प्रदेश की जेलों में 30 से 50 साल की आयु वाले 9355 कैद की सजा काट रहे हैं.
इसके अलावा 50 से ज्यादा की उम्र वाले भी 2851 कैदी प्रदेश की जेलों में बंद हैं.

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मध्य प्रदेश की जेलों में बड़ी संख्या में शिक्षित और युवा कैदियों के बंद होने पर मनो चिकित्सकों रूमा भट्टाचार्य का मानना है कि ऐसा जरूरी नहीं है कि कम पढ़े लिखे लोग ही क्राइम करते हैं. बल्कि पढ़े-लिखे समझदार लोग सोच समझकर वारदातों को अंजाम देते हैं. उन्होंने बताया कि ऐसे लोगों में बचपन से ही कुछ न कुछ खराब आदतें होती हैं. लेकिन परिजनों को लगता है कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ खराब आदतें भी खत्म हो जाएंगी. लेकिन यह एक तरह की बीमारी होती है, जिसका समय पर इलाज नहीं हो पाता है तो यही बच्चे बड़े होकर किसी ने किसी वारदात को अंजाम देते हैं. शायद यही वजह है कि जेलों में बंद कई कैदी शिक्षित हैं.

मध्य प्रदेश में कुल 131 जेल है. 11 सेंटर जेल 41 जिला जेल और 73 उप जेल के साथ अच्छे ओपन जेलें शामिल हैं. इन जेलों में कुल 44 हजार 603 कैदी बंद है. 1,758 महिला कैदी इन जेलों में सजा काट रही है, तो वहीं पुरुष कैदियों की संख्या 42 हजार 845 है. इसके अलावा 20 हजार 253 सजायाफ्ता कैदी जेलों में हैं. मध्य प्रदेश की जेलों में 15 हजार 885 के बीच क्षमता से अधिक हैं. देश भर में सबसे ज्यादा कैदी उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद हैं. उसके बाद दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश की जेलों में सबसे ज्यादा कैदी सजा काट रहे हैं.

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