भोपाल। मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए प्रचार अंतिम दौर में चल रहा है, लेकिन इससे पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लेते हुए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लिया है. आयोग ने गुरुवार को यह फैसला कमलनाथ द्वारा आदर्श आचार संहिता का बार-बार उल्लंघन करने के चलते लिया. चुनाव आयोग ने कहा कि विधानसभा उपचुनाव में प्रचार के दौरान महिला के लिए आइटम शब्द का इस्तेमाल किया था जो कि आचार संहिता के खिलाफ है. इसके साथ ही चुनाव आयोग का कहना है कि अब अगर कमलनाथ ने एक भी प्रचार कार्यक्रम में हिस्सा लिया, तो पूरा खर्च उस उम्मीदवार द्वारा वहन किया जाएगा जिसके निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार प्रसार आयोजित किया जा रहा है. मध्यप्रदेश में इस वक्त 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियों द्वारा तबाड़तोड़ चुनाव प्रचार किया जा रहा है.
कमलनाथ ने दिया था विवादित बयान
इससे पहले चुनाव आयोग (ईसी) ने 21 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के डबरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार इमरती देवी के बारे में आपत्तिजनक शब्द के इस्तेमाल को लेकर कांग्रेस नेता कमलनाथ को नोटिस जारी किया था. चुनाव आयोग ने कमलनाथ से 48 घंटों के अंदर जवाब देने को कहा था.मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में किसान, रोजगार, महंगाई से बड़ा मुद्दा कमलनाथ की टिप्पणी हो गई है. आपत्तिजनक शब्द का उपयोग करने पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ चौतरफा घिर गए हैं. भाजपा तो हमलावर है ही, साथ ही पार्टी के नेता भी उनसे किनारा कर रहे हैं.
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विवादित बयान के बाद चौतरफा घिर थे कमलनाथ
कमलनाथ ने पिछले दिनों डबरा विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा की उम्मीदवार इमरती देवी का नाम लिए बगैर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उसके बाद से उन पर लगातार हमले हो रहे हैं, कमलनाथ ने अपने बयान पर खेद व्यक्त कर दिया है, लेकिन माफी मांगने को तैयार नहीं हैं. कमलनाथ ने राहुल गांधी के बयान पर कहा था कि उन्हें जैसा समझाया गया होगा उसी के आधार पर अपनी बात कही होगी. इस पर तंज सकते हुए भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि कमलनाथ, क्या राहुल गांधी इतने नासमझ हैं कि उनको समझाने की जरूरत पड़ती है ? क्या आप भी राहुल गांधी को वही समझाते हैं जो सारा हिन्दुस्तान समझता है ?
EC से अपने जवाब में कमलनाथ ने क्या कहा था
इससे पहले चुनाव आयोग को दिए जवाब में कमलनाथ ने कहा था कि अगर चुनाव आयोग मेरे पूरे भाषण को फिर से देखता है तो उसे समझ आ जाएगा कि कोई दुर्भावना नहीं थी. पूर्व सीएम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक निर्णयों में कई बार कहा है कि चुनावी सरगर्मी में कई बयान सामने आ चुके हैं.कमलनाथ ने कहा था कि मेरा मकसद किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था. कमलनाथ के जबाव के बाद चुनाव आयोग ने उन्हें नसीहत दी कि सार्वजनिक तौर पर ऐसे शब्दों का इस्तेमान नहीं करना चाहिए.
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