भोपाल। मध्यप्रदेश स्वास्थ्य संचालनालय परिवार कल्याण विभाग की अपर संचालक के हस्ताक्षर से आयुक्त द्वारा अनुमोदित एक आदेश मंगलवार को जारी किया गया है. इस आदेश में प्रदेश के 18 जिले, जहां कोविड-19 का प्रभाव नहीं है कि महिला संविदा बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्याकर्ता (ANM) की सेवाएं इंदौर जिले में देने के लिए कहा गया है. महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को कोविड-19 की भिषणता को देखते हुए इंदौर जिले में कार्य करने को कहा गया है. आदेश में ये भी उल्लेख किया गया है कि, 18 जिले से 10-10 संविदा ANM को भेजा जाए, इसमें कहीं भी नियमित ANM का उल्लेख नहीं है. मध्यप्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने स्वास्थ्य संचालनालय के आदेश पर सवाल उठए हैं और कहा है कि, ऐसे समय में भी संविदा और नियमित कर्मचारियों के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है.
संविदा ANM के साथ ड्यूटी में भेदभाव, इंदौर के हॉटस्पॉट वाले इलाकों में लगाई गई ड्यूटी - मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
मध्यप्रदेश स्वास्थ्य संचालनालय परिवार कल्याण विभाग ने आदेश जारी किया है कि, जिन जिलों में कोरोना का असर कम है वहां कि महिला संविदा बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्याकर्ता इंदौर में ड्यूटी देंगी, जिस पर मध्यप्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने स्वास्थ्य विभाग के इस आदेश का विरोध किया है.
मध्यप्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने स्वास्थ्य विभाग के इस भेदभाव पूर्ण आदेश का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि, इस आदेश में 5 नियमित ANM को भी शामिल किया जाए. प्रत्येक जिले की 10 संविदा ANM के आदेश को संशोधन करते हुए उसमें 5 नियमित ANM को भी शामिल किया जाए. महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि, 12 हजार वेतन पाने वाली संविदा ANM खुदा ना खास्ता जिसको कुछ हो जाए, तो उसके परिवार को अनुंकम्पा नियुक्ति भी नहीं मिलेगी, पेंशन भी नहीं मिलेगी, दाह संस्कार के लिए एक्सग्रेसिया भी नहीं मिलेगा. जिनको इंदौर जैसे कोविड-19 के हॉटस्पॉट पर भेजा जा रहा है और वहीं 40 से 50 हजार पाने वाली नियमित ANM, जिसको एक्सग्रेसिया, अनुकंपा नियुक्ति, मकान किराया भत्ता, यात्रा भत्ता, पेंशन आदि मिलेगी, उनको अपने गृह जिले में रखा जा रहा है. क्या ये संविदा कर्मचारियों के प्रति अधिकारियों का सौतेला व्यवहार नहीं दर्शाता है.
महासंघ ने कहा है, कि यदि संविदा ANM को इंदौर भेजना है, तो पहले नियमित करें. जिससे उन्हें कुछ हो जाता है, तो उनके परिवार के आश्रित व्यक्ति को अनुकंपा नियुक्ति और पेंशन मिल सके. महासंघ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस भेदभाव पूर्ण आदेश को निरस्त कर भेदभाव रहित आदेश जारी करने की मांग की है.