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मध्यप्रदेश यूथ कांग्रेस चुनाव के नतीजे घोषित, दिग्विजय के करीबी विक्रांत भूरिया बने अध्यक्ष

सात साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मध्यप्रदेश यूथ कांग्रेस को अध्यक्ष मिल गया है. तीन दिन चले चुनाव के परिणाम आज घोषित हुए, जहां विक्रांत भूरिया अध्यक्ष बने हैं.वहीं संजय यादव उपाध्यक्ष बने हैं.

Dr. Vikrant Bhuria
विक्रांत भूरिया

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Published : Dec 18, 2020, 12:15 PM IST

भोपाल।मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के 7 साल बाद हुए चुनाव का परिणाम आ गया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के बेटे डॉ विक्रांत भूरिया प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं. विवादों में रही मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस की चुनाव प्रक्रिया कि शिकायत राहुल गांधी से भी की गई थी. डॉ विक्रांत भूरिया ने 40850 मत हासिल कर प्रदेश अध्यक्ष पद हासिल किया है. दूसरे नंबर पर पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव के भतीजे संजय यादव रहे हैं. जिन्हें 20430 मत मिले हैं, उन्हें उपाध्यक्ष बनाया गया है. प्रेमचंद गुड्डू के बेटे अजीत बोरासी को 13204 ने इन्हें भी उपाध्यक्ष बनाया गया है.

7 साल बाद हुए चुनाव 111000 सदस्यों ने किया था मतदान

मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के चुनाव 7 साल बाद हुए थे. 10,11 और 12 दिसंबर को मतदान हुआ था. करीब साढे़ 3 लाख सदस्यों में से 1 लाख 11 हजार आठ सौ 21 सदस्यों ने मतदान किया था. 3761 वोट गलत पाए गए और 5166 वोटर रद्द किए गए हैं. 40850 वोट के साथ डॉ विक्रांत भूरिया प्रदेश अध्यक्ष चुने गए हैं. संजय सिंह यादव को 20430 वोट मिले हैं, जिन्हें उपाध्यक्ष घोषित किया गया है. अजीत बोरासी को 13204 वोट मिले हैं,इनको भी उपाध्यक्ष घोषित किया गया है. विवेक त्रिपाठी के लिए 9827 वोट मिले हैं ,इन्हें सचिव घोषित किया गया है.

चतुष्कोणीय था युवा कांग्रेस का मुकाबला

मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के 7 साल बाद हुए चुनाव में मुकाबला काफी गहमागहमी भरा था. नेता पुत्रों और दो मौजूदा विधायक प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रहे थे. मुख्य मुकाबला 9 उम्मीदवारों के बीच में था. लेकिन प्रभाव और गुटबाजी के चलते ये मुकाबला चतुष्कोणीय हो गया था. डॉ विक्रांत भूरिया, संजय सिंह यादव, अजीत बोरासी और विवेक त्रिपाठी के बीच कड़ा मुकाबला था. डॉ विक्रांत भूरिया अपने निकटतम प्रतिद्वंदी से 20420 मतों से जीते हैं.

दिग्गजों की आमद से प्रतिष्ठा पूर्ण हो गया था चुनाव

प्रदेश युवा कांग्रेस के चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी खुलकर सामने आ गए थे. दिग्विजय सिंह जहां कांतिलाल भूरिया के बेटे डॉ विक्रांत भूरिया के समर्थन में थे और उन्हें जिताने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे थे. तो जीतू पटवारी और निवर्तमान अध्यक्ष कुणाल चौधरी संजय सिंह यादव को जिताने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे थे. वहीं प्रेमचंद गुड्डू के बेटे अजीत बोरासी भी चुनाव मैदान में जीत के लिए दम लगा रहे थे.

विवादों में घिर गए थे प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव

मतदान के बाद वोट रद्द करने के नियम जारी किए जाने के कारण यह चुनाव विवादों में फंस गए थे. इसकी शिकायत राहुल गांधी तक की गई थी. माना जा रहा था कि जो नियम मतदान के बाद बनाए गए हैं. वह किसी ना किसी को जिताने और हराने के लिए बनाए गए हैं. इस मामले की शिकायत प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक से भी की गई थी.

कौन हैं विक्रात भूरिया

बता दें इससे पहले विक्रांत भूरिया को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. उन्हें कांग्रेस ने साल 2018 के विधानसभा चुनाव में झाबुआ से टिकट दिया था, लेकिन वे बीजेपी के जीएस डामोर से चुनाव हार गए थे. इसके बाद डामोर सांसद बन गए. जब यह सीट खाली हुई तो विक्रांत के पिता कांतिलाल भूरिया चुनाव जीत कर विधायक बन गए.

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