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पांचवीं-आठवीं बोर्ड परीक्षाओं पर संशय, शिक्षा विभाग और स्कूल संचालकों के बीच फंसा बच्चों का भविष्य, पेरेंट्स भी परेशान

मध्यप्रदेश में होने वाली पांचवीं और आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं. प्राइवेट स्कूल संचालक बोर्ड परीक्षा के विरोध में कोर्ट पहुंच गए हैं. उनकी याचिका पर गुरुवार को सुनवाई होगी. दूसरी ओर, शिक्षा विभाग एग्जाम कराने को लेकर तैयारियों में जुटा है. इन दोनों के बीच नुकसान बच्चों का हो रहा है, जिसके चलते अभिभावक भी खासे परेशान हैं.

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बोर्ड परीक्षाओं पर संशय

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Published : Mar 15, 2023, 6:36 PM IST

Updated : Mar 15, 2023, 6:47 PM IST

भोपाल।मध्यप्रदेश शासन की ओर से कक्षा 5वीं और 8वीं की परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न पर कराने के आदेश जारी होने के बाद से ही प्राइवेट स्कूल संचालक इसके विरोध में हैं. ऐसे हालात में 25 मार्च से होने वाली इन बोर्ड परीक्षाओं पर संशय की तलवार लटक रही है. एक तरफ स्कूल संचालकों का विरोध है तो दूसरी ओर राज्य शिक्षा केंद्र परीक्षा केंद्रों की सूची जारी करता जा रहा है. भोपाल के साथ ही प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पांचवीं और आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर परीक्षा केंद्रों की सूची भी जारी कर दी गई है. इसमें जानकारी दी गई है कि किस परीक्षा केंद्र में कितने बच्चों को बैठाया जाएगा.

बोर्ड परीक्षाओं पर अनिश्चितता के बादल

सुनवाई के बाद लिया जाएगा फैसला:प्राइवेट स्कूल संचालक एसोसिएशन के साथ प्रदेश के सभी अशासकीय स्कूल संगठनोंं ने एकमत होकर सरकार से गुहार लगाई है कि इस साल पांचवीं और आठवीं की परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न पर आयोजित नहीं की जाएं. प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा, 'गुरुवार को कोर्ट में इस मामले में सुनवाई होगी. इसके बाद ही आगे का फैसला लिया जाएगा. बुधवार को विधानसभा घेराव की भी तैयारी थी लेकिन गुरुवार को होने वाली सुनवाई के चलते इसे फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. शिक्षा विभाग को समझना चाहिए कि बच्चों के फॉर्म नहीं भरे गए हैं. उन्होंने बोर्ड परीक्षा के हिसाब से पढ़ाई नहीं की है तो ऐसा क्यों किया जा रहा है. सरकार द्वारा जारी की गई नई शिक्षा नीति में भी पांचवीं और आठवीं बोर्ड परीक्षा का उल्लेख नहीं है. इसके बावजूद सरकार बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.

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बीच सत्र में आदेश जारी किए गए:मध्यप्रदेश में करीब 30 हजार अशासकीय स्कूल हैं. जिनमें 8 लाख बच्चे पांचवीं और आठवीं में अध्ययनरत हैं. एकाएक आदेश जारी होने से सभी बच्चे तनाव के बीच अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. रश्मि शुक्ला की बेटी कक्षा आठवीं में पढ़ती हैं. वे कहती हैं कि उनकी बेटी बोर्ड की परीक्षा के लिए अभी तैयार नहीं है क्योंकि बीच सत्र में ही इसके आदेश जारी किए गए हैं. परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न पर हो भी पाएंगी या नहीं, इसको लेकर भी अभी कोई जानकारी नहीं है. वहीं, अशोक त्रिपाठी कहते हैं कि उनका बच्चा पांचवीं कक्षा में पढ़ता है. स्कूल की तरफ से परीक्षा को लेकर अभी कोई भी जानकारी नहीं दी गई. रोल नंबर भी नहीं आए हैं. कहा जा रहा है कि समग्र नंबर को ही रोल नंबर माना जाएगा.

फंसा बच्चों का भविष्य
राज्‍य शिक्षा केन्‍द्र की तैयारियां पूरी:इस संबंध में समग्र शिक्षा की परियोजना समन्‍वयक डॉ. सीमा गुप्‍ता ने बताया कि राज्‍य शिक्षा केन्‍द्र के निर्देशानुसार बोर्ड पैटर्न परीक्षाओं की समस्‍त तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं. सुचारू परीक्षा संचालन के लिए नियमित समीक्षा बैठकें आयोजित की जा रही हैं. दरअसल, मध्यप्रदेश में पांचवीं और आठवीं की परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न पर कई साल से बंद हैं. पिछले साल शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया था कि मध्यप्रदेश में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए पांचवीं और आठवीं परीक्षा को एक बार फिर बोर्ड पैटर्न पर लागू किया जाएगा. इसके बाद से ही प्राइवेट स्कूल इसके विरोध में आ गए और मामला कोर्ट तक चला गया. दरअसल, प्राइवेट स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों की बोर्ड परीक्षाएं उन्हीं को कराने के आदेश शिक्षा विभाग पहले ही जारी कर चुका है. इसके तहत पांचवीं और आठवीं की कक्षाओं को बोर्ड पैटर्न के माध्यम से स्कूलों को ही संचालित करना है. इसमें कई तरह का खर्चा स्कूलों को ही वहन करना पड़ेगा, जिसका निजी स्कूल विरोध कर रहे हैं.
Last Updated : Mar 15, 2023, 6:47 PM IST

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