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Diwali 2021: जानिए दीपावली के एक दिन पहले क्यों होती है यम की पूजा, नरक चौदस का महत्व और पूजा विधि - roop chaudas ka mahatva

दीपावली के एक दिन पहले नरक चौदस या रूप चौदस का त्योहार मनाया जाता है. इसे छोटी दीपावली भी कहा जाता है. इस दिन सौंदर्य निखारने के अलावा यम और काली की पूजा का भी विशेष महत्व है.

जानिए दीपावली के एक दिन पहले क्यों होती है यम की पूजा
जानिए दीपावली के एक दिन पहले क्यों होती है यम की पूजा

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Published : Oct 31, 2021, 3:37 PM IST

Updated : Nov 3, 2021, 7:03 AM IST

भोपाल। नरक चतुर्दशी को रूप चौदस, काली चौदस और छोटी दीपावली भी कहते हैं. यह पर्व दीपावली के एक दिन पहले मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है इस दिन जो व्यक्ति पूजा करता है और दीपक लगाता है, उस व्यक्ति को तमाम तरह की परेशानियों और पापों से मुक्ति मिल जाती है. दिवाली से पहले रूप चौदस के दिन घर के कई हिस्सों में यम के लिए दीपक जलाते हैं.

नरक चौदस का महत्व

यह दीपावली के 5 दिनी त्योहार का दूसरा दिन है. इसे धनतेरस के अगले दिन मनाया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से सौंदर्य की प्राप्ति होती है. इस दिन शाम के समय यमराज की पूजा करने से नरक की यातनाओं और अकाल मृत्यु का भय खत्म होता है. वहीं इस दिन मां काली की पूजा का भी विधान है. कहा जाता है कि इस दिन मां काली की पूजा अर्चना करने से शत्रुओं पर विजय की प्राप्ति होती है.

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यम पूजा की विधि और महत्व

नरक चतुर्दशी के दिन यम पूजा की जाती है. इस दिन रात में यम पूजा के लिए दीपक जलाए जाते हैं. इस दिन एक पुराने दीपक में सरसों का तेल और पांच अन्न के दाने डालकर इसे घर के कोने में जलाकर रखा जाता है. इसे यम दीपक भी कहते हैं. मान्यता है कि इस दिन यम की पूजा करने से अकाल मृत्यु नहीं होती है.

काली पूजा की विधि और महत्व

नरक चतुर्दशी के दिन काली पूजा भी की जाती है. इसके लिए सुबह तेल से स्नान करने के बाद काली की पूजा करने का विधान है. ये पूजा नरक चतुर्दशी के दिन आधी रात में की जाती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन मां काली की पूजा से जीवन के सभी दुखों का अंत हो जाता है.

Last Updated : Nov 3, 2021, 7:03 AM IST

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