भोपाल।कलेक्टर जनसुनवाई में एक तलाकशुदा महिला पहुंची. कलेक्टर के दिए गए समाधान से वो असंतुष्ट थी और भरी जनसुनवाई में उसने चिल्ला-चिल्ला कर कहा कि जनसुनवाई सिर्फ एक ढकोसला है. दरअसल महिला अपने हक के लिए इधर-उधर भटक रही है. उसके पास इलाज के पैसे नहीं हैं और वो हर तरफ से हारकर कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंची थी.
घरेलू हिंसा के केस कराया है दर्ज
महिला की शादी मध्यप्रदेश पुलिस की विशेष शाखा में पदस्थ सिपाही महेंद्र तोमर से हुई थी. सिपाही महिला को प्रताड़ित करता था, इसलिए उसने 2 नवंबर 2014 को घरेलू हिंसा का केस दायर किया. कोर्ट ने भरण पोषण अधिनियम के तहत सिपाही महेंद्र तोमर को जून 2015 से महिला को 3500 रुपए हर महीने देने का आदेश दिया था. लेकिन तोमर ने ना तो महिला को राशि दी और ना ही उसके ऊपर कोई कार्रवाई हुई.
जनसुनवाई में महिला ने मचाया हंगामा मदद के लिए 4 साल से भटकी रही महिला
महिला पिछले 4 साल से मदद के लिए इधर से उधर भटक रही है. उसका आरोप है कि तोमर ने डॉक्टरों के साथ मिलकर उसके इलाज में गड़बड़ी की है. उसका कलेक्टर से आग्रह था कि उसके सही इलाज की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जाए. कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने महिला की बात सुनकर उसे हमीदिया अस्पताल भेजने का आदेश दिया.ये सुनकर महिला और भड़क गई और उसने बताया की हमीदिया में भी उसे यहां से वहां भेजा जाता है और उचित इलाज नहीं मिलने के कारण वो बहुत परेशान है.
कलेक्टर ने कोहेफिजा थाने की महिला सब इंस्पेक्टर को निर्देश दिए हैं कि सिविल ड्रेस में महिला पुलिस बुलाकर महिला को कलेक्ट्रेट परिसर से ले जाया जाए. लेकिन महिला जनसुनवाई खत्म होने के बाद भी कलेक्टर का इंतजार करती रही और आखिर में पुलिस के पहुंचने से पहले ही परेशान होकर अपने घर चली गई.