भोपाल।केन नदी यमुना की सहायक नदी है जिसका उद्गम विंध्याचल पर्वत से होता है. यह बुन्देलखंड क्षेत्र से गुजरते हुए यमुना नदी में मिल जाती है. केन नदी मप्र के कटनी जिले के पास रीठी तहसील के केना गांव से शुरु होती है. पन्ना में इससे कई धारायें आ जुड़ती है और फिर बांदा, उत्तरप्रदेश में इसका यमुना से संगम होता है. बेतवा नदी का प्राचीन नाम वेत्रवती था, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों में बहने वाली एक नदी है. यह मध्य प्रदेश में रायसेन और भोपाल ज़िले की सीमा पर स्थित कुम्हारागांव से निकलकर उत्तर-पूर्वी दिशा में बहती हुई भोपाल, विदिशा, झांसी, ललितपुर आदि जिलों से होकर बहती है. इसके किनारे सांची और विदिशा के प्रसिद्ध व सांस्कृतिक नगर स्थित हैं.
2017 में हुआ विवाद
साल 2017 में फिर से परियोजना को लेकर चर्चा शुरू हुई लेकिन उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच पानी के बंटवारे को लेकर विवाद फंस गया. परियोजना के मुताबिक उत्तर प्रदेश को रबी सीजन के लिए 700 एमसीएम (मिलियम क्यूबिक मीटर) पानी दिया जाना था, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार 930 एमसीएम पानी की मांग कर रही थी. मध्य प्रदेश की सरकार पहले तय 700 एमसीएम पानी देने पर ही सहमत थी. बाद में पानी बंटवारे के लिए केंद्रीय प्राधिकरण का गठन किया गया.
केन-बेतवा लिंक परियोजना
राष्ट्रीय नदी विकास एजेंसी (एनडब्ल्यूडीए) द्वारा देश में प्रस्तावित तीस नदी जोड़ो परियोजनाओं में से एक केन-बेतवा लिंक परियोजना भी है. इसकी अनुमानित लागत करीब 45 हजार करोड़ है जिसका 90 फीसद केंद्र सरकार को वहन करना है. इस प्रोजेक्ट में केन नदी से बेतवा नदी में पानी पहुंचाया जाएगा. विश्व जल दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में नदियों को आपस में जोड़ने की पहली परियोजना पर हस्ताक्षर हुए. इसी के साथ सालों से चर्चा में बनी केन-बेतवा लिंक परियोजना की शुरुआत हो गई. यह समझौता केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बीच हुआ. इसी के साथ दोनों प्रदेशों के बीच पानी को लेकर चले आ रहे विवाद का अंत हो गया.
केन बेतवा लिंक: क्या सुलझ गया यूपी-एमपी में पानी का विवाद या गुमराह कर रही है BJP