भोपाल।संस्कृति संचनालय मध्य प्रदेश द्वारा मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में आयोजित कला विविधताओं के प्रदर्शन के तीसरे दिन प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता और रंगकर्मी राजीव वर्मा भोपाल द्वारा कला वार्ता के तहत सिनेमा और रंगमंच समकालीन चुनौती विषय पर चर्चा की. अभिनेता राजीव वर्मा ने सिनेमा और रंगमंच समकालीन चुनौती विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि कलाकारों के सामने चुनौतियां हमेशा रहती हैं. चुनौतियां ना रहे तो कला निर्जीव हो जाती है.
भोपाल पहुंचे फिल्म अभिनेता राजीव वर्मा, सिनेमा-रंगमंच के समकालीन चुनौती विषय पर की परिचर्चा - cinema-theater contemporary challenge
अभिनेता राजीव वर्मा ने सिनेमा और रंगमंच समकालीन चुनौती विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि कलाकारों के समक्ष चुनौतियां हमेशा रहती हैं. चुनौतियां ना रहे तो कला निर्जीव हो जाती है.
चुनौतियों से लड़ना कला का परिमार्जन करना उसका विकास करना यही हमारी संस्कृति रही है. विपरीतता हमें बहुत कुछ सिखाती है. उन्होंने कहा कि कला को हम तीन भागों में बांट सकते हैं. कला स्वयं कलाकार और दर्शक और श्रोता राजीव वर्मा ने श्रोताओं को सबसे महत्वपूर्ण बताया और कहा है 99% कलाकार व्यवसाय की दृष्टि से इस शौक को नहीं अपनाते बल्कि शोक और लगन की वजह से अपनाते हैं.
लंबे समय तक इससे जुड़े रहने के कारण इसे अपनी रोटी रोजी का जरिया बना लेते हैं उन्होंने कहा कि हमारे समक्ष चुनौतियां तो पहले भी बहुत आई थी लेकिन वर्तमान में जो कोरोनावायरस सभी कला विधाओं और लोक कलाओं के सामने बहुत बड़ी और कठिन स्थिति उत्पन्न करती है उन्होंने कहा कि कला एक ऐसी विधा है जिंदगी में रंग संस्कृति और सभ्यता को लाती है हमें अपनी सभ्यता संस्कृति को आचार विचार और व्यवहार से जुड़ी हुई है उसका पालन करते हुए संस्कृति कर्म करते रहना चाहिए.