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पॉल्यूशन पर एमपी में 'डर्टी पॉलिटिक्स', बैटरी चलित वाहनों पर तू-तू मैं-मैं

ग्रीनपीस इंडिया की रिपोर्ट में प्रदेश के 14 शहरों में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बाद सरकार ने बैटरी वाले वाहनों को बढ़ावा देने का फैसला लिया है, प्रदेश में प्रदूषण को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है.

Dirty Politics in MP on pollution
प्रदूषण पर एमपी में 'डर्टी पॉलिटिक्स

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Published : Jan 23, 2020, 9:33 PM IST

Updated : Jan 23, 2020, 9:54 PM IST

भोपाल।प्रदेश में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण चिंता का विषय बनता जा रहा है. हाल ही में जारी ग्रीनपीस इंडिया की रिपोर्ट में 287 शहरों में प्रदेश के 14 शहरों को अति प्रदूषित बताया गया है. रिपोर्ट में राजधानी को देश भर के 100 प्रदूषित शहरों की सूची में 63वें स्थान पर रखा गया है. वहीं ग्वालियर, जबलपुर और सिंगरौली सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की इस सूची का हिस्सा हैं. जबकी ये चारों ही शहर नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम में शामिल हैं.

प्रदूषण पर एमपी में 'डर्टी पॉलिटिक्स

सरकार प्रदेश में बढ़ रहे लगातार प्रदूषण को देखते हुए अब प्रदेश भर में बैटरी से चलाने वाले वाहनों को बढ़ावा देने का फैसला लिया है. इस पर प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बताया की सरकार ने नई नीति बनाने का फैसला कैबिनेट में पास किया है. जिसके तहत इलेक्ट्रिक और बैटरी चलित वाहनों को बढ़ावा दिया जाएगा.


एक तरफ जहां सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए इलेक्ट्रिक और बैटरी वाहनों को बढ़ावा देने का फैसला लिया है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करने पर लगी है. पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि सरकार की उपेक्षा के चलते प्रदेश के महानगरों को बुखार आ रहा है. इस सरकार की प्राथमिकता ही अलग है, जबकी बीजेपी के शासन काल में सार्वजनिक हितों को प्राथमिकता दी जाती थी. पूर्व की सरकार के समय भोपाल हमेशा से नंबर एक या दो पर बना रहता था.


ग्रीनपीस इंडिया की रिपोर्ट में प्रदेश के 14 शहरों की हवा में पार्टिकुलेट मीटर यानी पीएम 10 का सर्वाधिक होना सच में बड़ी चिंता का विषय है, अब देखना होगा की सरकार के उठाए कदम इन शहरों की हवा की सफाई करते हैं या आने वाले और भी किसी आंकड़े में शहर कुछ पायदान ऊपर चढ़ जाते हैं.

Last Updated : Jan 23, 2020, 9:54 PM IST

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