भोपाल।मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने संघ पर निशाना साधते हुए फिर से विवादित बयान दिया है. दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने विद्या भारती प्रतिष्ठान (Vidya Bharati Foundation) द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर स्कूलों (Saraswati Shishu Mandir Schools) को नफरत फैलाने का जरिया बताया है. यह बयान दिग्विजय सिंह ने भोपाल के नीलम पार्क में आयोजित संयुक्त विपक्ष के धरने में दिया है. धरने में बोलते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि "ये वो लोग है, जिनसे हम लड़ाई लड़ रहे हैं, जो बचपन से सरस्वती शिशु मंदिर से लोगों के दिल और दिमाग में दूसरे धर्मों के खिलाफ नफरत का बीज बोते हैं और वही नफरत का बीज धीरे-धीरे आगे बढ़कर देश में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ता है."
सावरकर और धारा 370 पर बोलते हुए दिग्विजय ने कहा कि "अंग्रेजों ने सावरकर के जरिए लोगों के मन में नफरत पैदा करने का काम किया, उसके पहले देश में सांप्रदायिक सद्भाव रहता था. आजादी की लड़ाई में ना तो हिंदू महासभा ने, ना ही संघ ने और न ही मुस्लिम लीग ने भाग लिया. लोग यह सोचते हैं की श्यामा प्रसाद मुखर्जी धारा 370 लगाने के पक्षधर नहीं थे लेकिन जब कश्मीर में धारा 370 लगाने का प्रस्ताव पास हुआ तो उस दौरान श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी कैबिनेट मंत्री के तौर पर शामिल थे."
"हिंदू धर्म का उपयोग कर रहा RSS"
RSS के बारे में बोलते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि "आर एस एस का हिंदुत्व सनातन को प्रदर्शित नहीं करता है. यह लोग धर्म का उपयोग करते हैं. आरएसएस की विचारधारा वह है, जिसने गांधी की हत्या की थी. बीजेपी वाले कहते हैं कि 70 साल में कुछ नहीं हुआ, लेकिन वह यह भूल जाते हैं कि यदि संविधान नहीं बना होता, तो आज नरेंद्र मोदी भी पीएम नहीं बन पाते. जो लोग हर चीज के लिए पंडित नेहरू को दोषी ठहराते हैं. हमें ऐसे लोगों के खिलाफ लड़ना है."
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