भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी बीमा कंपनी 'भारतीय जीवन बीमा निगम' का निजीकरण करने के केंद्र सरकार के प्रयासों की आलोचना की है. दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए कहा है कि भारतीय जीवन बीमा निगम का गठन संसद के अधिनियम के द्वारा किया गया था. संसद में चर्चा किए बगैर भारतीय जीवन बीमा निगम जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की बड़ी कंपनी का विनिवेश करने से देश की अर्थव्यवस्था और बीमा कर्मचारियों और निवेशकों के हितों का नुकसान होगा.
दिग्विजय सिंह ने कहा है कि इतना बड़ा निर्णय लेने से पहले सरकार को इस मामले पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा करानी चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि टमुकेश सिंह भदोरिया, महामंत्री, भोपाल डिवीजन इंश्योरेंस कर्मचारी यूनियन मध्य प्रदेश का पत्र संलग्न है, मुझे अवगत कराया गया है कि वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग ने भारतीय जीवन बीमा निगम के आईपीओ से संबंधित प्रक्रियाओं में डीआईपीएएस की सहायता के लिए लेनदेन पूर्व सलाहकारों की नियुक्ति की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया है. इस प्रकार सरकार ने देश के सबसे प्रतिष्ठित सार्वजनिक वित्तीय संस्थान में अपनी हिस्सेदारी के एक अंश को बेचने के लिए एक प्रक्रिया को प्रारंभ कर दिया है.