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रिटायर्ड शिक्षकों को नहीं मिली जनवरी की पेंशन, दिग्विजय सिंह ने HRD मंत्री को लिखा पत्र

केंद्रीय विद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों को जनवरी माह की पेंशन नहीं मिलने पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखा है.

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Published : Feb 20, 2020, 6:34 PM IST

digvijay singh wrote letter to HRD minister
दिग्विजय सिंह ने लिखा एचआरडी मिनिस्टर को पत्र

भोपाल। केंद्रीय विद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों को जनवरी माह की पेंशन अभी तक नहीं मिली है, इस सिलसिले में पेंशनर्स की सोसाइटी ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह से मुलाकात की थी. दिग्विजय सिंह ने 25 हजार सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों की परेशानियों को समझते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर समय पर पेंशन दिलाने की मांग की है. दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय विद्यालय संगठन के रिक्त पदों को जल्द भरने की भी मांग मानव संसाधन विकास मंत्री से की है.

दिग्विजय सिंह ने लिखा एचआरडी मिनिस्टर को पत्र

दिग्विजय सिंह ने पत्र में लिखा है कि केंद्रीय विद्यालय के 25 हजार सेवानिवृत्त शिक्षकों को जनवरी 2020 की पेंशन अभी तक नहीं मिली है. इससे पहले केंद्रीय विद्यालय संगठन के सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ ऐसा नहीं हुआ है. पत्र में दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि आश्चर्य है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के बजट नहीं दिए जाने से पेंशनर्स को पेंशन का भुगतान नहीं हो पा रहा है. बजट की कमी के चलते वरिष्ठ सेवानिवृत्त शिक्षकों की पेंशन रोकना और उन्हें आर्थिक तंगी से गुजरने के लिए मजबूर करना अनुचित है.

दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से अनुरोध किया है कि देश के सबसे प्रतिष्ठित केंद्रीय विद्यालय संगठन के सेवानिवृत्त शिक्षकों की मानवीय समस्याओं पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए उनके पेंशन का समय पर भुगतान किया जाए और उनकी पेंशन और एरियर की राशि के भुगतान के लिए बजट में प्रावधान किए जाएं और केंद्रीय विद्यालय संगठन में महत्वपूर्ण पदों की पूर्ति के लिए समुचित कदम उठाए जाएं.

केंद्र सरकार की उपेक्षा के चलते केंद्रीय विद्यालय संगठन में संयुक्त आयुक्त (वित्त) एवं उपायुक्त (वित्त) के पद एक साल से अधिक समय से खाली पड़े हैं, जिसके चलते संगठन कोई वित्तीय निर्णय नहीं ले पा रहा है और इसका खामियाजा पेंशनर्स को भुगतना पड़ रहा है.

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