भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर देशभर में जगह-जगह फंसे मजदूरों को उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था करने की अपील की है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि मुंबई और सूरत की घटना से अंदाजा लगाया जा सकता है कि देशभर में अलग-अलग स्थानों पर फंसे मजदूर किन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं. दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में बीजेपी के राज्यसभा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव की पहल पर यूपी काशी में फंसे विभिन्न राज्यों के 1000 मजदूरों को उनके घर पहुंचाने का उदाहरण देते हुए अन्य मजदूरों को भी इसी तरह उनके गृह राज्य भेजे जाने की मांग की है.
दिग्विजय सिंह ने सुझाव दिया है कि मजदूरों को उनके घर ले जाने का एक निश्चित प्रोटोकॉल करके उन्हें घर भेजा जा सकता है. घर पहुंचकर उन्हें पंचायत, स्कूल भवनों में क्वॉरेंटाइन किया जा सकता है. दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने पत्र में कहा है कि कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए किए गए 21 दिन के लॉकडाउन को केंद्र सरकार द्वारा 3 मई तक बढ़ाया गया है. मुझे विश्वास है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के प्रयास तथा आम जनता के सहयोग से देश जल्दी ही इस भयंकर महामारी पर काबू पा लेगा.
दिग्विजय सिंह ने लिखा कि इस पत्र के माध्यम से आपका ध्यान देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों की असहनीय समस्या और पीड़ा की ओर आकर्षित करना चाहता हूं. देशभर के अनेक स्थानों से खबरें आ रही हैं कि वहां फंसे हुए प्रवासी मजदूर और अन्य लोग काफी परेशान हैं. मुंबई और सूरत से आने वाली खबरों से समस्या की भयावहता का अनुमान लगाया जा सकता है. यह लोग रहने और खाने-पीने की समुचित व्यवस्था नहीं होने या गंभीर पारिवारिक परेशानियों के कारण स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और अपने घर जाना चाहते हैं.