मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

नए कृषि कानूनों को बीजेपी किसानों से पहले प्रकाश सिंह व सुखबीर सिंह बादल को समझाएः दिग्विजय सिंह - Prakash Singh Badal

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कृषि कानूनों को लेकर किए जा रहे बीजेपी के किसान सम्मेलनों पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी इन कानूनों के बारे में पहले प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल को समझा ले, फिर किसानों को समझाए.

Former CM Digvijay Singh
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह

By

Published : Dec 16, 2020, 5:34 PM IST

Updated : Dec 16, 2020, 7:42 PM IST

भोपाल। कृषि कानूनों पर किसानों का विश्वास हासिल करने के लिए बीजेपी पूरे मध्य प्रदेश में किसान सम्मेलन आयोजित कर रही है. वहीं एमपी कांग्रेस खुलकर कृषि कानूनों के विरोध में उतर गई है. इसी कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि 'बीजेपी किसानों को इन कानूनों के बारे में बाद में समझाए, पहले उन्हें प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल को समझाना चाहिए.'

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह

प्रकाश सिंह बादल लौटा चुके हैं पद्म विभूषण सम्मान

बता दें पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल ने किसानों के समर्थन में अपना पद्म विभूषण सरकार को वापस लौटा चुके हैं. उन्होंने नए कृषि कानून का खुलकर विरोध किया है.

'बीजेपी असली टुकड़े-टुकड़े गैंग'

शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी देश में असली टुकड़े-टुकड़े गैंग है. साथ ही बादल ने किसान आंदोलन के दौरान देश को तोड़ने का भी आरोप लगाया.सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि बीजेपी ने राष्ट्रीय एकता को टुकड़ों में तोड़ दिया है, बेशर्मी से मुसलमानों के खिलाफ हिंदुओं को उकसाया है और अब अपने सिख भाइयों के खिलाफ ऐसा कर रही है. बीजेपी देशभक्ति वाले पंजाब को सांप्रदायिक आग में धकेल रही है.

ट्वीट

प्रदेश के कई जिलों में हुए बीजेपी के किसान सम्मेलन

बता दें बीजेपी ने आज ने इंदौर, ग्वालियर, सागर, रीवा समेत तमाम बड़े जिलों में किसान सम्मेलन किया. इन सम्मेलनों में बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने शिकरत की और किसानों को नए कृषि कानूनों के फायदों के बारे में बताया.

'किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होंगे तीनों कानून'

ग्वालियर में केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि नए कृषि कानून किसानों के हित में हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब नोटबंदी की, जीएसटी लागू किया तब भी यही कहा गया था कि अब यह सरकार सत्ता में वापस नहीं आएगी. लेकिन लोकसभा के चुनाव में पहले से ज्यादा सीटें आईं. जब से नरेंद्र मोदी सरकार बनी है, तब से ही किसानों को समृद्ध बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं. देश के विभिन्न राज्यों के किसान संगठन हमसे मिलकर कह रहे हैं कि इन कानूनों को वापस नहीं​ लिया जाना चाहिए, क्योंकि ये तीनों कानून किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होंगे.

'कृषि के क्षेत्र में नई क्रांति आएगी'

वहीं सम्मेलन में मौजूद बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के नेतृत्व में ऐतिसाहिक विधेयक संसद में पारित किए गए हैं. बीजेपी सरकार ने 70 साल बाद किसानों को असली आर्थिक स्वतंत्रता दिलाई है. तीनों कृषि कानून किसानों के हित में हैं. सरकार किसानों को 21वीं सदी में ले जाने के लिए प्रयासरत है. इस कानून से कृषि के क्षेत्र में नई क्रांति आएगी. उन्होंने विश्वास जताया कि मध्य प्रदेश सहित पूरे देश को इसका लाभ मिलेगा.

केंद्र सरकार को घेरेने की तैयारी

हालांकि कांग्रेस, बीजेपी के इन दावों को सिरे से खारिज करती आई है. कांग्रेस का केंद्र सरकार पर आरोप है कि सरकार इन कानूनों के जरिए कृषि क्षेत्र को प्राइवेट हाथों में सौंप देगी और इससे किसानों का शोषण होगा. ये उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने वाले कानून हैं. इसके अलावा केंद्र सराकार की महंगाई को लेकर भी नीतियां सही नहीं हैं. लिहाजा 19 दिसंबर को प्रदेश भर में कांग्रेस जिला व ब्लॉक स्तर पर विरोध करेगी. कार्यकर्ता उपवास रखेगें और इस विरोध दिवस के रूप में मनाएंगे.

ये भी पढ़ेंःकिसान आंदोलन पर बोले केंद्रीय कृषि मंत्री, बातचीत से ही निकलेगा हल, जल्द होगा फैसला

Last Updated : Dec 16, 2020, 7:42 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details