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दिग्विजय सिंह ने लगाए आरोप, कहा- बीजेपी करती है खाद की कालाबाजारी

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि बीजेपी व्यापारियों से गठबंधन करके खाद की कालाबाजारी कर रही है, जिस कारण किसान को किल्लत हो रही हैं.

Former Chief Minister Digvijay Singh
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह

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Published : Jul 30, 2020, 9:32 PM IST

भोपाल।प्रदेश में उपजे खाद संकट को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश का किसान खाद के लिए परेशान हो रहा है और बीजेपी व्यापारियों से गठबंधन करके कालाबाजारी कर रही है. उन्होंने कहा है कि जब वे मुख्यमंत्री और स्व. सुभाष यादव उप मुख्यमंत्री के तौर पर कृषि विभाग का जिम्मा संभालते थे तो शत-प्रतिशत खाद का वितरण सहकारिता के माध्यम से किया जाता था, वहीं कमलनाथ सरकार ने भी 80 फीसदी खाद का वितरण सहकारिता के माध्यम से किया गया, लेकिन शिवराज सरकार के आते ही एक बार फिर व्यापारियों के माध्यम से खाद का वितरण किया जा रहा है, इसलिए कालाबाजारी हो रही है.

बीजेपी पर खाद की कालाबाजारी का आरोप

कांग्रेस के कार्यकाल में होती थी एडवांस स्टाकिंग
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा 'क्या कारण है कि मध्यप्रदेश में जब-जब भाजपा की सरकार आती है, तो खाद की किल्लत होती है. यूरिया, डीपी और पोटाश की कमी आ जाती है. उसका एकमात्र कारण है कि भाजपा खाद के व्यापारियों के साथ गठबंधन कर कालाबाजारी करती है. 10 साल मेरे कार्यकाल में और कमलनाथ के कार्यकाल में किसानों को खाद समय पर मिलता था, गोदामों में एडवांस स्टाकिंग करते थे.'

बीजेपी प्राइवेट ट्रेडर्स को देती है कोटा
प्रदेश सरकार को निशाने पर लेते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा, 'बीजेपी के राज में आप देख रहे हैं कि किस तरह से किल्लत हो रही है, इसका कारण केंद्र सरकार से आया अधिकांश कोटा प्राइवेट ट्रेडर्स को दे देना है.' उन्होंने सरकार को राय दी कि यदि आज मध्यप्रदेश में खाद की कालाबाजारी रोकना है, तो पूरा वितरण सहकारिता के माध्यम से किया जाना चाहिए, तभी खाद की कालाबाजारी रुक पाएगी.

खाद का स्टॉक
सहकारिता के माध्यम से हो खाद का वितरण
दिग्विजय सिंह ने कहा, 'आज यूरिया 500 से 550 रुपए में मिल रहा है. कई जगहों पर तो किसानों को यूरिया मिल ही नहीं रहा है. कई बड़े किसानों ने खाद हथिया लिया है, यह बड़े किसान कालाबाजारी में व्यापारियों को मदद कर रहे हैं. इसलिए मुख्यमंत्री और सरकार को चाहिए की खाद का वितरण पूर्ण रूप से सहकारिता के माध्यम से करे, ताकि कालाबाजारी ना हो और किसानों को किल्लत न झेलना पड़े.'

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