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कर्नाटक की आंच MP तक, दिग्गी बोले- बजरंग दल आपराधिक प्रवृत्ति का संगठन, सिंधिया से राय लेने की दी सलाह - MP Political News

कर्नाटक में कांग्रेस के मेनिफेस्टो में बजरंग दल और पीएफआई को बैन करने की बात पर शुरू हुई राजनीति का असर एमपी में भी नजर आ रहा है. एक तरफ जहां सीएम शिवराज कमलनाथ से जवाब मांग रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर सिंधिया से राय लेने की बात कही है.

Scindia and Digvijay Singh
सिंधिया और दिग्विजय सिंह

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Published : May 3, 2023, 3:30 PM IST

Updated : May 3, 2023, 3:35 PM IST

भोपाल। कर्नाटक चुनाव को लेकर तेज हुई सियासत की आंच मध्यप्रदेश तक आ रही है. कर्नाटक में कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में सरकार बनने पर पीएफआई और बजरंग दल को बैन करने की बात कही है. इसको लेकर कमलनाथ ने बयान दिया है कि जो संगठन नफरत फैलाएं, उन्हें बैन कर देना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट कह रहा है और पूरा प्रदेश कह रहा है कि जो नफरत फैलाए, विवाद कराए उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. उधर दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैंने तो साल 2000 में सिमी और बजरंग दल दोनों पर प्रतिबंध करने के लिए केन्द्र को प्रस्ताव भेजा था. वहीं दिग्विजय सिंह ने पीएफआई और बजरंग दल को बैन करने के सवाल पर सिंधिया से पूछने की बात कही है. उधर कमलनाथ से सीएम शिवराज ने जवाब मांगा है.

दिग्विजय सिंह ने किया ट्वीट:बजरंग दल को बैन करने को लेकर दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि मैंने तो साल 2000 में ही सिमी और बजरंग दल दोनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन तत्कालीन केन्द्र में बीजेपी सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया. मेरा दुर्भाग्य है कि मेरी बात को समझने और स्वीकार करने में लोगों को समय लगता है. प्रभु कृपा से अभी तक तो मेरी कही बात सच निकलती रही है. प्रभु से यही प्रार्थना है, ऐसी ही कृपा मुझ पर सदैव बनी रहे.

सिंधिया से राय लेने की सलाह:वहीं दूसरे ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का एक वीडियो जारी करते हुए लिखा बजरंग दल कोई धार्मिक संघटन नहीं है, बल्कि आपराधिक प्रवत्ति के लोगों का एक संघटन है. यदि आपको कोई शंका है तो 2017 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस संघटन के बारे में विचार सुन लीजिए.

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शिवराज सिंह ने कहा हनुमान भक्त कमलनाथ जवाब दें: उधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस की मती मारी गई है. बजरंग पर प्रतिबंध लगाने की बात करते हैं. वह बजरंग दल जो प्रखर राष्टवादी संगठन है. यह संगठन आतंकवाद, लव जिहाद का विरोध करता है. सामाजिक सेवा सहित देश भक्ति का भाव, राष्ट्रवादी विचारधारा के भाव को जगाने का काम करती है, उसकी कांग्रेस पीएफआई से तुलना कर रही है. यह वही कांग्रेस है जो अयोध्या में भगवान राम मंदिर का विरोध करती है, जिसने रामसेतु को काल्पनिक कहा था. यह वही कांग्रेस है जो मौका मिलते ही हिदुत्व का विरोध करती है. आज कांग्रेस का चेहरा बेनकाब हो गया है. कौन भूलेगा कि प्रदेश में सिमी के नेटवर्क को खाद पानी कौन देता था. यह तो सर्जिकल स्ट्राइक का विरोध करते थे. कमलनाथ हनुमान भक्त बनते हैं, वे इस मामले में जवाब दें.

Last Updated : May 3, 2023, 3:35 PM IST

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