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ब्रिटिश पार्लियामेंट में गूंजा भोपाल गैस त्रासदी का मामला, भारतवंशी सांसद नवेंदु मिश्रा ने की पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग

ब्रिटेन में विपक्षी लेबर पार्टी के भारतीय मूल के सांसद ने भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग को लेकर ब्रिटिश संसद के वेस्टमिंस्टर हॉल में हुई चर्चा में भाग लिया. सांसद नवेंदु मिश्रा ने मंगलवार को ब्रिटिश संसद में भोपाल गैस त्रासदी का मुद्दा उठाया. विपक्षी लेबर पार्टी के नेता ने कहा कि ब्रिटेन सरकार को पीड़ितों को न्याय देने के लिए आगे आना चाहिए.चर्चा पर ब्रिटिश सरकार की प्रतिक्रिया के दौरान विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) में राज्य मंत्री ऐनी-मैरी ट्रेवेलियन ने कहा, 'मैं अपने भारतीय समकक्षों के समक्ष पीड़ितों के लिए निरंतर समर्थन और मुआवजे की आवश्यकता के बारे में सभी सांसदों की चिंताओं को उठाने के लिए प्रतिबद्ध हूं'.

Bhopal gas tragedy
भोपाल गैस त्रासदी

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Published : Nov 17, 2022, 3:29 PM IST

Updated : Nov 17, 2022, 6:12 PM IST

भोपाल।वेस्टमिंस्टर हॉल में मंगलवार को बहस के दौरान भारतीय मूल के सांसद नवेंदु मिश्रा ने भोपाल गैस त्रासदी का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि, भारतीय अदालतों में मामले का सामना कर रही डॉव केमिकल कंपनी पर ब्रिटेन सरकार को दबाव डालना चाहिए. डॉव केमिकल कंपनी यूनियन कार्बाइड की मूल कंपनी है. उत्तरी इंग्लैंड में स्टॉकपोर्ट से सांसद और भारत (व्यापार और निवेश) के लिए ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप के अध्यक्ष मिश्रा ने ब्रिटिश सरकार से डाउ केमिकल के खिलाफ ब्रिटेन में कार्रवाई की मांग की.

अगले महीने पूरे होंगे 38 साल:मिश्रा ने कहा कि, डॉव केमिकल कंपनी पीड़ितों के प्रति अपनी जिम्मेदारी से बहुत लंबे समय से बच रही है. आज भी हम पीड़ितों के लिए न्याय अभियान चला रहे हैं. हम पीड़ितों के लिए मुआवजा और उपचार देने की मांग करते हैं. बता दें कि अगले माह इस घटना को 38 साल पूरे हो जाएंगे. 2-3 दिसंबर 1984 को यूनियन कार्बाइड के संयंत्र से गैस लीक हो गई थी, जिसकी चपेट में आने से उसी दिन 3800 लोगों की मौत हो गई थी.

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डाउ पर दबाव बनाए जाने की मांग:संसदीय चर्चा के दौरान उन्होंने भारत में न्याय के अभियान में ब्रिटेन के योगदान और भारतीय अदालतों में सुनवाई का सामना करने के लिए डाउ पर दबाव बनाए जाने की मांग की. मिश्रा ने कहा, 'यूनियन कार्बाइड की मूल कंपनी डाउ केमिकल पीड़ितों और त्रासदी में बचे लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारी से बचती रही है' भोपाल गैस त्रासदी 2-3 दिसंबर, 1984 को हुई थी, जब मध्य प्रदेश में यूनियन कार्बाइड कीटनाशक संयंत्र में रिसाव के बाद 5,00,000 से अधिक लोग मिथाइल आइसोसाइनेट के संपर्क में आए थे. इसे दुनिया में अब तक की सबसे घातक औद्योगिक आपदाओं में से एक माना जाता है.

Last Updated : Nov 17, 2022, 6:12 PM IST

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