भोपाल। सावन माह में भगवान शिव के पूजन-अभिषेक के साथ ही भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shree Krishna) के मंदिरों में भी विशेष उत्सव मनाया जा रहा है, भगवान श्रीकृष्ण की रासलीला का चित्रण किया जा रहा है, जिसके चलते पूर्णिमा से पहले कृष्ण मंदिरों में श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचने लगे हैं, मंदिरों में झूले पर विराजमान भगवान द्वारिकाधीश (Lord Dwarkadhish) का विशेष प्रकार के व्यजंनों का भोग लगाया जा रहा है, इस दौरान विशेष रूप से श्रृंगार कर हिंडोला में भगवान को बैठाया जा रहा है, महिलाएं इस दौरान सावन के गीत और भजन गा रही हैं, साज-सज्जा के साथ सभी मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया गया है.
झूले में विराजे हैं राधा-कृष्ण
सावन के पवित्र माह में हरियाली तीज-सावन तीज के नाम से मनाए जाने वाले इस पर्व पर शहर के सभी मंदिरों में राधा कृष्ण (Radha Krishna Temple) की झांकियां फूलों पर सजाई गई हैं, भोपाल के चौक बाजार स्थित द्वारिकाधीश मंदिर (Dwarkadhish Temple) में आकर्षक साज-सज्जा की गई है, सावन महीने के शुक्ल पक्ष में मंदिर में भगवान के झूले पड़ने शुरू हो गए हैं, इसके बाद रक्षाबंधन (RakshaBandhan) तक राधा-कृष्ण झूले में ही झूलते रहेंगे.
सोने-चांदी के हिंडोले में विराजे राधा-कृष्ण
शहर के प्रसिद्ध द्वारिकाधीश मंदिर सहित श्रीजी मंदिर और श्रीराम मंदिर में श्रावण कृष्ण पक्ष की अष्टमी (Lord Shri Krishna Janmashtami) से भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी यानी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी तक श्रीकृष्ण (Lord Shree Krishna Temple) के मंदिरों में विशेष साज-सज्जा और भजन कीर्तन होते रहेंगे, हरियाली तीज से पंचमी तक ठाकुर जी स्वर्ण हिंडोली में और उसके बाद पूर्णिमा तक चांदी जड़ाऊ फूल-पत्ती आदि के हिंडोले में झूलते हैं, द्वारिकाधीश मंदिर (Lord Dwarkadhish Temple) में भी फूल-पत्ती और चांदी के हिंडोली में द्वारिकाधीश की विशेष श्रृंगार के साथ आराधना की जा रही है.