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कोरोना काल में जन्माष्टमी पर भी खाली पड़े मंदिर, कृष्ण के भक्तों को एंट्री नहीं - भोपाल न्यूज

कोरोना संक्रमण की वजह से भोपाल के सभी मंदिर जन्माष्टमी पर भी खाली पड़े हैं. राजधानी के दुर्गा उत्सव मंदिर में इस वर्ष जन्माष्टमी की तैयारियां तो जोरों से की गई हैं, लेकिन भक्तों को मंदिरों में एंट्री नहीं मिलेगी.

Bhopal
कोरोना काल में जन्माष्टमी पर भी खाली पड़े मंदिर

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Published : Aug 11, 2020, 4:54 PM IST

भोपाल। कोरोना संक्रमण के चलते इस साल सभी त्योहार और धार्मिक समागमों का रंग फीका हो गया है. कोरोना संक्रमण के चलते इस साल कई त्यौहार लोगों ने घरों में ही मनाएं. अब जन्माष्टमी का पावन पर्व भी लोगों को घर पर ही मनाना पड़ रहा है. इस साल जन्माष्टमी दो दिन की है, कई जगह मंगलवार को जन्माष्टमी मनाई जाएगी, तो वहीं मान्यता के अनुसार भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को ही श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. ज्योतिषियों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण के जन्म का समय रात 12 बजे अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र था. ऐसे में दो दिन जन्माष्टमी मनाई जा रही है.

आशुतोष, पंडित

राजधानी के दुर्गा उत्सव मंदिर में इस वर्ष जन्माष्टमी की तैयारियां तो जोरों से की गईं हैं, लेकिन भक्तों को मंदिरों में एंट्री नहीं मिलेगी. शासन के आदेश अनुसार पुजारी ही मंदिर में पूजा करेंगे और भक्तों को घर पर ही श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनानी पड़ेगी. ऐसे में मंदिरों में साज सज्जा तो की जा रही है, लेकिन भक्तों का जमावड़ा देखने को नहीं मिलेगा.

भोपाल के दुर्गा उत्सव मंदिर में जहां प्रतिवर्ष धूमधाम से श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती थी. सैकड़ों भक्त दर्शन के लिए इस मंदिर में पहुंचते थे और रात जागरण कर श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाते थे, लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते मंदिरों का स्वरूप भी पूरी तरह से बदला हुआ है. मंदिर तो सज चुके हैं, लेकिन भक्त नजर नहीं आ रहे. कई मंदिरों के तो पट आज जन्माष्टमी के दिन भी बंद हैं. राजधानी के कुछ ही मंदिर ऐसे हैं, जहां पर आज जन्माष्टमी के दिन केवल पुजारी द्वारा पूजा की जा रही है. बाकी कई प्रसिद्ध मंदिर बिरला मंदिर के पट आज बंद हैं, जो शाम पांच बजे से खुलेंगे और कल मंदिर में जन्माष्टमी मनाई जाएगी.

हालांकि, कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिरों में जन्माष्टमी की तैयारी सुरक्षा व्यवस्था के साथ की जा रही है. भक्तों के लिए मंदिरों के बाहर पानी की टंकी लगाई गई है, क्योंकि मंदिरों में सैनिटाइजर का उपयोग नहीं किया जाएगा. ऐसे में बड़ी-बड़ी पानी की टंकी मंदिर के बाहर लगाई गई हैं, जो भी भक्त मंदिर में प्रवेश करेंगे, वो पहले हाथ धोएंगे उसके बाद मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ भक्तों को मंदिर में प्रवेश मिलेगा.

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