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भेल को बंद करने की मांग, नाराज विधायक ने धरना करने की दी चेतावनी

कोरोना संक्रमण के कारण भेल (BHEL) में काम करने वाले कई कर्मचारियों की मृत्यु हो गई. जिसके कारण विधायक कृष्णा गौर भेल और जिला प्रशासन से नाराज हो गई. उन्होंने भोपाल कलेक्टर और भेल प्रबंधन को पत्र लिखकर भेल को बंद करने की बात कही है. फिलहाल भेल से ही भोपाल के लगभग 150 अस्पतालों को ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है.

MLA Krishna Gaur
विधायक कृष्णा गौर

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Published : May 11, 2021, 8:15 PM IST

भोपाल।राजधानी भोपाल में कोरोना महामारी के चलते कोरोना कर्फ्यू लगाया गया है. इस कर्फ्यू में पूरे शहर को बंद कर दिया गया, लेकिन भेल (भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड) को बंद नहीं किया गया. जिसके चलते भाजपा की क्षेत्रीय विधायक विधायक कृष्णा गौर भेल प्रबंधन से नाराज हो गई है. पूर्व में भी उन्होंने प्रबंधन और भोपाल कलेक्टर को पत्र लिख कर कारखाने को कुछ समय के लिए बंद करने की मांग की थी. लेकिन भेल नहीं बंद हो हुआ.

विधायक कृष्णा गौर
  • कोरोना के कई कर्मचारियों की मौत

राजधानी में कोरोना संक्रमण के चलते बिगड़े हुए हालात में भोपाल के अस्पतालों को ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले भेल का मुख्य केंद्र बना हुआ है, लेकिन वहां के कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण से मृत्यु के बाद स्थानीय विधायक कृष्णा गौर भेल प्रशासन और प्रबंधन से खासी नाराज हैं. अपनी नाराजगी के चलते उन्होंने भोपाल कलेक्टर और भेल प्रबंधन को पत्र लिखकर कल से धरने पर बैठने की अनुमति मांगी है. हालांकि इस कोरोना काल में उद्योगों, कारखानों के साथ ही जरूरी सेवाओं को छूट दी गई है, लेकिन इन उद्योगों में काम करने वाले लोग भी कोरोना से संक्रमित हो रहे है. उनकी मृत्यु भी हो रही है. बताया जाता है कि भेल में 100 से अधिक कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है और लगभग 550 लोग कोरोना के संक्रमण से लड़ रहे है.

विधायक ने लिखा पत्र

'संजीवनी' कारखाने के 230 से अधिक कर्मचारी-अधिकारी कोरोना संक्रमित

  • विधायक ने दी धरने की चेतावनी

गोविंदपुरा विधानसभा सीट से विधायक कृष्णा गौर ने बीएचईएल कारखाना बंद न करने के विरोध में धरना देने की चेतावनी दी है. विधायक ने कहा कि अब तक 100 कर्मचारियों की कोरोना से मौत हो गई है. इस संबंध में यदि भेल प्रबंधन ने कोई निर्णय नहीं लिया तो, वे कल धरने पर बैठेगी. हालांकि उन्होंने कहा है कि 7 दिन के लिए ही सही कारखाने को बंद किया जाए. जब देश में भेल की छोटी-छोटी इकाइयों को बैंगलुरू, रानी पेठ, तिरुच्चिराप्पल्लि में अलग-अलग तारीख के लिए बंद कर दिया है, तो इस बड़ी इकाई को क्यों नहीं बंद किया जा रहा. उन्हें अपने लोगों के खोने का समाचार प्राप्त हो रहा है, उन्होंने भोपाल कलेक्टर को धरने की अनुमति के लिए पत्र लिखा है.

  • लंबे समय से कर रही मांग

दरअसल विधायक लंबे समय से कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए भेल कारखाने को बंद करने की मांग कर रही है. अब उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि भेल प्रबंधन भोपाल इकाई को तत्काल बंद करने के आदेश जारी नहीं करता है, तो मुझे कोविड नियमों का पालन करते हुए धरने पर बैठने के लिए बाध्य होना पड़ेगा.

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