भोपाल।मध्यप्रदेश में चुनावी माहौल के बीच सियासी पार्टियों के नेता चुनाव जीतने के जतन में लग गए हैं, कोई कथा करा करा रहे हैं तो कोई रामलीला कराकर जनता का दिल जीतना चाहता है. मकसद एक ही है कि किसी भी तरह से यदि टिकट मिल गया तो जनता का आशीर्वाद मिल जाए और यदि विधायक या मंत्री हैं तो ऐन केन प्रकार से जनता उन्हें फिर वोट कर दे. पिछले 1 साल से नेताओं ने जमीनी फील्डिंग अपने इलाकों में भी कर ली है. इस बार ट्रेंडिंग है कथा और कथावाचकों की कथाएं. मंत्री अपने इलाके में माहौल भांपकर गुरुजी से आशीर्वाद लेकर जनता के सामने उनकी तारीफ कर देते हैं फिर क्या नेता जी के पक्ष में माहौल बनना शुरू हो जाता है.
एमपी के कथावाचकों की बल्ले बल्ले:अभी सबसे ज्यादा ट्रेंडिंग बागेश्वर धाम हैं तो इसके बाद पंडित प्रदीप मिश्रा आते हैं हालांकि दोनों बाबाओं की टीआरपी की बात करें तो कभी कोई ऊपर तो कभी कोई नीचे आता है लेकिन इन इन बाबाओं के प्रति लगातार श्रद्धा देखी जा रही है. कथा वाचिका जया किशोरी भी पीछे नहीं है उन्हें भी सुनने और देखने लाखों भक्त आते हैं इसी को देखते हुए अब सियासी पार्टियों के नेता इन कथा वाचकों को वरीयता में रख रहे हैं. दरअसल बीजेपी पूरी तरह से माइक्रो प्लानिंग करके वोटर का मन टटोल रही है.
बीजेपी की चाल: एमपी में बूथ स्तर पर मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे के साथ-साथ चर्च से जुड़े हर पहलू का डाटा एकत्रित किया जा रहा है. बीजेपी धार्मिक आयोजन कर कार्यकर्ता का मन टटोल रही है और उन्हें धर्म का पाठ पढ़ा कर खुश रखना चाहती है. हालांकि बीजेपी इससे बिल्कुल इत्तेफाक नहीं रखती बल्कि उसका कहना है कि धर्म और राजनीति बिल्कुल अलग हैं, दोनो को जोड़ना गलत है. कांग्रेस हो या बीजेपी के लोग कथा कराते हैं क्योंकि जनता उन्हें सेंटर के रूप में देखती है और समाज से जुड़े हुए होने के कारण इस तरह की कथा करवाते हैं.