भोपाल। अतिथि शिक्षकों के खिलाफ टीटी नगर थाने में मामला दर्ज किए जाने के बाद कर्मचारी संगठनों ने नाराजगी व्यक्त की है. कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि अतिथि शिक्षक 25 वर्षों से लगातार अध्यापन के कार्य से जुड़े हुए हैं. वे जायज मांगों के साथ राजधानी का रुख करते हैं, लेकिन इस तरह से थाने में मामला दर्ज कराना नीतिगत नहीं है.
अतिथि शिक्षकों पर दर्ज मामला वापस लेने की मांग, कर्मचारी संगठनों ने आंदोलन की दी चेतावनी - आंदोलन की चेतावनी
अतिथि शिक्षकों के खिलाफ दर्ज मामले को कर्मचारी संगठनों ने वापस लेने की मांग की है. संगठनों ने प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही केस वापस नहीं लिया जाता तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.
मध्यप्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने चेतावनी दी है कि सरकार को जल्द से जल्द अतिथि शिक्षकों पर दर्ज किए गए मामले को वापस लेना चाहिए. ऐसा नहीं होने पर सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जा सकता है. रमेश राठौर का कहना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में इन लोगों से वादा किया था कि इन्हें नियमितीकरण का तोहफा दिया जाएगा, लेकिन सरकार बने हुए इतना समय बीत जाने के बाद भी उन्हें नियमित नहीं किया गया है.
इसके बाद अपनी बात को सरकार तक पहुंचाने के लिए अतिथि शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री के बंगले का रुख किया था. जहां उन्होंने एक ज्ञापन सौंपा था, लेकिन सरकार द्वारा अतिथि शिक्षकों पर मामला दर्ज कर लेना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में नवीन शिक्षण सत्र में भर्ती प्रक्रिया और नियमों से नाराज अतिथि शिक्षकों ने यह प्रदर्शन किया था. जिसमें किसी भी प्रकार का कोई उल्लंघन नहीं किया था. इसके बावजूद एफआईआर की गयी.