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लॉकडाउन में सेना के पास क्या हैं अधिकार, अगर सेना उतरी तो जानिए क्या होंगे हालात ? - LOCKDOWN

प्रदेश में बढ़ते कहर को देखते हुए कई बार जहन में सवाल उठते हैं कि संकट के इस समय में देश की सेना को मोर्चा संभालने की जरूरत है. रिटॉयर्ड कर्नल हरेंद्र सिंह से जानते हैं कि सेना के पास ऐसी परिस्थितयों से क्या कोई विशेष अधिकार होते है. और अगर ऐसे हालातों में सेना को कमान सौंपी जाती है तो फिर देश में क्या हालात होंगे.

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रिटॉयर्ड कर्नल हरेंदर सिंह

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Published : Apr 14, 2020, 4:46 PM IST

Updated : Apr 14, 2020, 5:23 PM IST

भोपाल। देश पर आए कोरोना वायरस के महासंकट से निपटने के लिए हर कोई अपनी तरफ से कोशिश कर रहा है. केंद्र से लेकर राज्य सरकारें सख्त फैसले ले रही हैं, तो वहीं भारतीय सेना भी हर चुनौती से निपटने को पूरी तरह से तैयार है. रिटॉयर्ड कर्नल हरेंद्र सिंह से जानते हैं कि किन हालातों में सेना देश के अंदरूनी हिस्सों में काम कर सकती है.

लॉकडाउन में सेना के अधिकार

सेना स्टेट में कब काम करती है ?

फौज का इस्तेमाल सीमाओं की हिफाजत के लिए होता है. देश के अंदरुनी हिस्सों तभी सेना लगाई जाती है, जब कोई आपदा आ जाए, कोई दंगा हो जाए. इन हालातों में सरकार के आदेश के बाद सेना मोर्चा संभालती है.

लॉकडाउन में सेना के अधिकार

लॉकडाउन में सेना के पास कोई विशेष अधिकार नहीं हैं. सेना केंद्र सरकार के निर्देश पर देश के हित में काम करती है.

पुलिस और सेना की कार्य प्रणाली में क्या अंतर है ?

पुलिस और सेना की कार्य प्रणाली में काफी अंतर है. पुलिस स्टेट्स में लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने का काम करती है. वहीं सेना की जिम्मेदारी देश की सीमाओं की हिफाजत करने की होती है.

संवेदनशील राज्यों में सेना की भूमिका

देश के राज्यों में कोरोना संक्रमण के चलते बिगड़ी स्थितियों पर सेना का लगाया जाने के बहुत कम चांस हैं. ये पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आता है. जिससे निपटने के लिए वे पूरी तरह सक्षम हैं.

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि सेना विपरीत परिस्थितियों में देश के भीतरी हिस्सों काम जरुर कर सकती है. लेकिन उसके लिए केंद्र सरकार का निर्देश जरुरी है

Last Updated : Apr 14, 2020, 5:23 PM IST

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