भोपाल। मध्य प्रदेश में बेकाबू होते कोरोना संक्रमण के बीच मौत के आंकड़े बढ़ने से श्मशान घाटों में लकड़ी की कमी सामने आ रही है. राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के विश्रामघाटों में दानदाताओं की मदद से दाह संस्कार के लिए लकड़ी का इंतजाम किया जा रहा है. भोपाल के भदभदा विश्रामघाट में अभी केवल तीन दिन का स्टाक बचा है. इस हालात में यदि शवों की संख्या बढ़ती है तो लकड़ी की शॉर्टेज हो जाएगी.
मौत के बढ़ते आंकड़ों के कारण लकड़ी की कमी
सामान्य दिनों में भोपाल के भदभदा विश्राम घाट पर एक महीने में एक हजार क्विंटल लकड़ी लगती थी, वहां अब तीन हजार क्विंटल से अधिक लकड़ी की जरूरत पड़ रही है. राजधानी भोपाल में 15 दिन पहले कोविड से मरने वालों की संख्या अचानक बढ़ जाने से विश्रामघाटों में अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी की कमी हो गई थी. शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए भी लोगों को घंटो इंतजार करना पड़ रहा था.
संक्रमित के अंतिम संस्कार में लगती है ज्यादा लकड़ी
भदभदा विश्रामघाट समिति के सचिव ममतेश शर्मा बताते हैं कि इस विश्रामघाट में हर रोज 2 से 3 गाड़ी लकड़ियां आ रही हैं. आज की स्थिति में तीन दिन के लिए लकड़ियों का स्टॉक है. उन्होंने बताया कि सामान्य मौत के बाद मृतक का अंतिम संस्कार करने में करीब 3 क्विंटल लकड़ी लगती है, वही कोविड से मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए 5 क्विंटल लकड़ी की खपत होती है. भदभदा विश्राम घाट समिति कोविड से होने वाली मौत के के बाद अंतिम संस्कार के लिए 3500 रुपए ले रही है. समिति का कहना है कि अंतिम संस्कार में 4500 रुपए का खर्च आता है लेकिन लोगों की परेशानी को देखते हुए उनसे सिर्फ 3500 रुपए लिए जा रहे हैं.
प्रशासन ने नहीं किया बकाया राशि का भुगतान