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बढ़ रहे हैं मौत के आंकड़े, श्मशान घाटों में नहीं लकड़ियों का स्टॉक

भोपाल के भदभदा विश्राम घाट में इन दिनों लकड़ियों की कमी आ रही है. भदभदा विश्राम घाट के पास सिर्फ 3 दिनों की लकड़ियों का स्टॉक है.

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Published : May 6, 2021, 5:52 PM IST

Updated : May 6, 2021, 6:09 PM IST

Death figures are increasing, stocks of wood are not in cremation ghats
बढ़ रहे हैं मौत के आंकड़े, श्मशान घाटों में नहीं लकड़ियों का स्टॉक

भोपाल। मध्य प्रदेश में बेकाबू होते कोरोना संक्रमण के बीच मौत के आंकड़े बढ़ने से श्मशान घाटों में लकड़ी की कमी सामने आ रही है. राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के विश्रामघाटों में दानदाताओं की मदद से दाह संस्कार के लिए लकड़ी का इंतजाम किया जा रहा है. भोपाल के भदभदा विश्रामघाट में अभी केवल तीन दिन का स्टाक बचा है. इस हालात में यदि शवों की संख्या बढ़ती है तो लकड़ी की शॉर्टेज हो जाएगी.

श्मशान घाटों में हो रही लकड़ियों की किल्लत

मौत के बढ़ते आंकड़ों के कारण लकड़ी की कमी

सामान्य दिनों में भोपाल के भदभदा विश्राम घाट पर एक महीने में एक हजार क्विंटल लकड़ी लगती थी, वहां अब तीन हजार क्विंटल से अधिक लकड़ी की जरूरत पड़ रही है. राजधानी भोपाल में 15 दिन पहले कोविड से मरने वालों की संख्या अचानक बढ़ जाने से विश्रामघाटों में अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी की कमी हो गई थी. शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए भी लोगों को घंटो इंतजार करना पड़ रहा था.

संक्रमित के अंतिम संस्कार में लगती है ज्यादा लकड़ी

भदभदा विश्रामघाट समिति के सचिव ममतेश शर्मा बताते हैं कि इस विश्रामघाट में हर रोज 2 से 3 गाड़ी लकड़ियां आ रही हैं. आज की स्थिति में तीन दिन के लिए लकड़ियों का स्टॉक है. उन्होंने बताया कि सामान्य मौत के बाद मृतक का अंतिम संस्कार करने में करीब 3 क्विंटल लकड़ी लगती है, वही कोविड से मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए 5 क्विंटल लकड़ी की खपत होती है. भदभदा विश्राम घाट समिति कोविड से होने वाली मौत के के बाद अंतिम संस्कार के लिए 3500 रुपए ले रही है. समिति का कहना है कि अंतिम संस्कार में 4500 रुपए का खर्च आता है लेकिन लोगों की परेशानी को देखते हुए उनसे सिर्फ 3500 रुपए लिए जा रहे हैं.

प्रशासन ने नहीं किया बकाया राशि का भुगतान

शवों के अंतिम संस्कार के लिए काम करने वाली जनसंवेदना नाम की सामाजिक संस्था के अध्यक्ष राधेश्याम अग्रवाल कहते हैं कि पिछले कोरोना काल में प्रशासन ने कोविड से मरने वालों का अंतिम संस्कार करवाया था. इसके लिए हुए खर्चे का भुगतान प्रशासन ने अभी तक भदभदा विश्राम घाट समिति को नहीं किया है. जिसके कारण भदभदा विश्राम घाट समिति की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. वन विभाग को बकाया भुगतान नहीं होने से समिति को लकड़ियां नहीं मिल पा रही है. यही वजह है कि यहां अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों की कमी हो रही है.

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102 शवों का कोविड प्रोटोकाल में अंतिम संस्कार

जानकारी के मुताबिक भोपाल के सुभाष नगर विश्राम घाट में 5 मई को 58 शव लाए गए थे, जिनमें से 43 का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के तहत किया गया. वहीं भदभदा विश्रामघाट में 69 शव लाए गए थे, जिनमें 55 का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के तहत किया गया. शहर के झदा कब्रिस्तान में 5 मई को लाए गए 8 में से 4 शवो को कोविड प्रोटोकॉल के तहत सुपुर्द-ए-खाक किया गया. इस तरह बुधवार को कुल 135 मौत में से 102 का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकाल के तहत किया गया.

बढ़ गई लकड़ियों की कीमत

विश्रामघाट में अंतिम संस्कार के लिए पहले एक क्विंटल लकड़ी 800 रुपए में मिलती थी लेकिन अब इसकी कीमत में 200 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा हो गया है. श्मशान घाट में अब एक क्विंटल लकड़ी 1000 रुपए में मिल रही है. भोपाल के विश्रामघाट के लिए रायसेन, होशंगाबाद, खंडवा और बालाघाट से लकड़ियों की सप्लाई की जा रही है.

Last Updated : May 6, 2021, 6:09 PM IST

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