भोपाल।प्रदेश के लाखों कर्मचारी अपने ट्रांसफर को लेकर पशोपेश में है. क्योंकि तबादलों से प्रतिबंध हटाने की समय सीमा बीतने में 6 दिन बाकी हैं, लेकिन हजारों आवेदन अब भी विभिन्न विभागों में अटके पड़े हैं. तबादला सूची अब तक जारी नहीं हो सकी है. इससे अधिकारी और कर्मचारी परेशान हैं. बताया जा रहा है कि सभी विभागों में करीब 24 हजार ट्रांसफर एप्लिकेशन पेंडिंग हैं.
इस देरी की वजह तबादला नीति में शामिल दो नियम हैं. कई मंत्री सूची अनुमोदित कर मंत्रालय भेज चुके हैं, लेकिन विभाग के अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिवों ने जांच के नाम पर अब तक आदेश जारी नहीं किए हैं.
मध्य प्रदेश में तबादले 1 से 31 जुलाई के बीच किए जाने के निर्देश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिए थे. इसके आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग ने नीति जारी की थी. इसमें कहा गया था कि तबादलों की अंतिम तारीख 31 जुलाई है. इसके बाद एक भी तबादला आदेश जारी नहीं किया जाएगा, लेकिन 25 दिन बीत जाने के बाद उच्च शिक्षा, जल संसाधन, वाणिज्यिक कर और पंचायत एवं ग्रामीण विभाग विभाग ने एक-एक सूची जारी की है.
इन दो नियमों में अटका तबादला
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि तबादला सूचियां जारी नहीं हो पाने की दो वजह हैं. दरअसल, तबादला नीति में साफ कहा गया कि तबादला आदेश जारी करते समय यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी आदेश को न्यायालय में चुनौती ना दी जा सके. यदि ऐसा होता है तो इसके लिए संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव अथवा प्रमुख सचिव जिम्मेदार होंगे. इसके साथ ही विभाग प्रमुखों को यह निर्देश भी दिए गए हैं कि वे तबादला सूची अपने ऑफिशियल ई-मेल से जारी करेंगे.
इस दो नियमों के चलते अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव मंत्रियों से अनुमोदित तबादला सूचियों को बारीकी से परीक्षण कर रहे हैं. इसके चलते आदेश जारी होने में विलंब हो रहा है. मंत्रालय के एक अधिकारी ने दावा किया है कि सभी विभागों में 24 हजार से ज्यादा तबादला आवेदन लंबित हैं. कई मंत्रियों के यहां सूची अभी तक फाइनल नहीं हो पाई है. हालांकि अधिकतर मंत्रियों ने सूची अनुमोदित कर विभाग के अपर मुख्य सचिव या फिर प्रमुख सचिव को भेज दी है, बावजूद इसके आदेश जारी नहीं हाे पाए हैं.