भोपाल।संस्कृति संचालनालय मध्य प्रदेश द्वारा मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में आयोजित कला विविधताओं के प्रदर्शन गमक के 11वें दिवस राजगढ़ घराने की सुप्रसिद्ध कथक नृत्यांगना कल्पना वाजपेई ने कथक नृत्य की प्रस्तुति दी. कल्पना वाजपेई ने प्रस्तुति की शुरुआत संगीतकार एवरो की संगीत रचना आईने में संजोए गई. देव माटी से की अगली प्रस्तुति वाजपेई की शिक्षाओं मानसी शर्मा एवं पारुल सिंह द्वारा खंड जाति की 10 मात्रा से हुई.
कथक नृत्य: नृत्यांगना कल्पना वाजपेई ने दी कथक नृत्य की प्रस्तुति, श्रोताओं ने बजाई तालियां - madhya pradesh tribal museum bhopal
कला विविधताओं के प्रदर्शन गमक के 11वें दिवस राजगढ़ घराने की सुप्रसिद्ध कथक नृत्यांगना कल्पना वाजपेई ने कथक नृत्य की प्रस्तुति दी. उन्होंने अपनी प्रस्तुति संस्कृति संचालनालय मध्य प्रदेश द्वारा मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में आयोजित कला विविधताओं के प्रदर्शन में दी.
इसमें थाट आमद परण तिहाईया और राजगढ़ घराने की कत्थक की बोलियां बंदिशों की प्रस्तुति को प्रस्तुत किया गया. आगे प्रस्तुति तेरी याद त्रियक ताल 11 मात्रा में निबंध रूद्र ताल की हुई. जिसमें भगवान शिव की चाल की कल्पना की गई. उसके बाद उनकी शिष्याओं ने राग पूरिया कल्याण यमन बहार आदि रागों में निबंध शिव पंचाक्षर मंत्र में भगवान शिव के रूपों का वर्णन किया गया. प्रस्तुति का समापन अमेरिकी कंपोजर फिलिप ग्लास और पंडित रविशंकर द्वारा संयोजित प्रस्तुति स्वप्निला से हुआ. इसमें श्रीकृष्ण की प्रेयसी राधा उनके मिलन स्थान पर बाट जोहती है और श्रीकृष्ण की लीलाएं करते हुए दिखते हैं.
नृत्य प्रस्तुति में तबले पर स्वप्निल बागुल हारमोनियम पर सत्यम शर्मा, सितार वादन अनिरुद्ध जोशी और संगत में इशिता लाल एवं हिमांशु साहू ने संगति दी.