भोपाल। कोरोना काल के चलते प्रदेश में कई कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं. इसी कड़ी में जनजातीय संग्रहालय भी बंद है, जिस कारण वहां के कलाकारों द्वारा नियमित होने वाले कार्यक्रम भी नहीं हो रहे हैं. ऐसे में मध्यप्रदेश शासन की पहल पर संस्कृति विभाग की पारंपरिक संगीत श्रृंखला 'उत्तराधिकार' में 02 अगस्त को प्रदेश की प्रमुख बैगा जनजाति के नृत्यों 'करमा, परघौनी, घोड़ी पैठाई और फाग' की प्रस्तुतियों का प्रसारण संग्रहालय के यूट्यूब चैनल पर किया गया.
बैगा प्रदेश के डिंडौरी जिले के चाड़ा के जंगलों में रहने वाली आदिम जनजाति है. बैगा के करमा, परघौनी, घोड़ी पैठाइ और फाग प्रमुख नृत्य हैं. करमा नृत्य में बैगा अपने 'कर्म' को नृत्य-गीत के जरिए प्रस्तुत करते हैं. यही कारण है कि इस नृत्य-गीत को करमा कहा जाता है. वहीं विजयादशमी से वर्षा के प्रारंभ होने तक चलने वाला यह नृत्य बैगा युवक-युवतियां टोली बनाकर एक-दूसरे के गांव जा-जाकर करते हैं.